दिल्ली में इस बाढ़ और भारी बारिश की वजह से हालात बेहद खराब हो गए है। बता दें यमुना में आई बाढ़ ने 45 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिल्ली के कई इलाकों में यमुना का पानी भर गया है। खासतौर पर तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इस बाढ़ की वजह से उन्हें अपना घर छोड़कर राहत शिविर में शरण लेनी पड़ी है। इस बाढ़ की वजह से राजधानी दिल्ली थम सी गई है। सरकार के साथ एमसीडी भी अपने स्तर पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मदद के लिए जमीनी स्तर पर कार्य मे जुट गई है। इसी क्रम में एमसीडी मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और बनाए गए राहत शिविरों का जायजा लिया।
बारिश के कारण यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर
आपको बता दें इस दौरान उन्होंने एमसीडी के अधिकारियों के साथ कश्मीरी गेट, लाल किला, आईटीओ आदि क्षेत्रों का निरीक्षण किया, और राहत शिविर में लोगों को मिल रहीं बुनियादी सुविधाओं की जानकारी ली. साथ ही अधिकारियों को शिविरों में रहने वाले शरणार्थियों की यथा संभव मदद के निर्देश दिए। इस त्रासदी को लेकर मेयर डॉ शैली ओबेरॉय ने कहा कि पिछले 45 साल को रिकॉर्ड टूट गया है। भारी बारिश के कारण यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से 3 मीटर तक ऊपर जा चुका है।
शैली ओबेरॉय ने लोगों से अपील करते हुए कहा
साथ ही मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि यह मुश्किल वक़्त है, ऐसे में दिल्ली सरकार और निगम लोगो के साथ मजबूती से खड़ी है। सभी एजेंसियां मिलकर लोगों की हर सम्भव मदद की कोशिश में लगी है। जरूरत पड़ने पर एमसीडी स्कूलों में और भी रिलीफ कैम्प बनाये जायेंगे। अभी सेट्रल जोन और नरेला के एक-एक स्कूल में रिलीफ कैंप बनाया गया है। सभी जिलों के डीएम को बता दिया गया है कि वह निगम के स्कूलों में जरुरत के मुताबिक राहत शिविर बना सकते हैं. वहीं बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए कुछ क्षेत्रों के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। साथ ही लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे घर से तभी बाहर निकलें, जब बहुत ज्यादा जरूरी हो।