दिल्ली उच्च न्यायालय तीन तलाक काननू के विरूद्ध याचिका पर 18 अक्टूबर को सुनवाई जारी रखेगा - Punjab Kesari
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दिल्ली उच्च न्यायालय तीन तलाक काननू के विरूद्ध याचिका पर 18 अक्टूबर को सुनवाई जारी रखेगा

कानून के प्रावधानों के संदर्भ में याचिका ने कहा गया कि यह यह पति-पत्नी के बीच समझौते की

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह एक बार में तीन तलाक की प्रथा को अपराध बनाने वाले नये कानून को चुनौती देने संबंधी जनहित याचिका पर 18 अक्टूबर को सुनवाई जारी रखेगा। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की एक पीठ ने याचिकाकर्ता की संक्षिप्त दलीलें सुनीं और इसके बाद मामले में आगे की सुनवाई 18 अक्टूबर को तय कर दी। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि वह मामले में नोटिस जारी नहीं कर रही है। 
वकील शाहिद अली ने इस महीने के शुरू में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 को एक याचिका दायर कर चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि क्योंकि तीन तलाक को अमान्य घोषित किया गया है, इस चलन को फौजदारी अपराध के तौर पर नहीं देखा जा सकता। 
कानून के प्रावधानों के संदर्भ में याचिका ने कहा गया कि यह यह पति-पत्नी के बीच समझौते की सभी संभावनाओं को खत्म करती है। 
कानून के तहत तीन तलाक गैर जमानती अपराध है और इसमें तीन वर्ष तक कैद का प्रावधान है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की मंशा दुर्भावनापूर्ण और संविधान की भावना के अनुरूप नहीं है। इसके साथ ही यह सर्वोच्च अदालत के फैसले के मुताबिक भी नहीं है जिसने एक मुस्लिम पति द्वारा एक बार में अपरिवर्तनीय तलाक को अमान्य और अवैध करार दिया था। 
याचिका में दावा किया गया कि तीन तलाक के अपराधीकरण का गलत इस्तेमाल हो सकता है क्योंकि ऐसा बोले जाने के आरोपों की सत्यता सुनिश्चित करने का कानून कोई तंत्र उपलब्ध नहीं कराता। 

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