दिल्ली हाई कोर्ट ने धन शोधन के एक मामले में कर्नाटक कांग्रेस के नेता डी. के. शिवकुमार की जमानत याचिका पर सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा। ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक मामले में शिवकुमार को गिरफ्तार किया था। कांग्रेस नेता ने उन्हें जमानत देने से इनकार करने वाली निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्टमें चुनौती दी है।
हाई कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया और उससे स्थिति रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा। साथ ही, मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर दी। शिवकुमार ने जमानत के लिए हाई कोर्ट में स्वास्थ्य कारणों का जिक्र किया है। याचिका में कांग्रेस नेता ने कहा है कि वह सात बार विधायक चुने गए हैं और उनके देश छोड़ कर भागने की आशंका भी नहीं है।
उन्होंने दलील दी कि यह मामला दस्तावेजी साक्ष्य पर आधारित है और उन्हें हिरासत में रखने के लिए कोई आधार नहीं है क्योंकि उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। इस बीच, अदालत ने शिवकुमार की एक अन्य याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया। याचिका के जरिए उन्होंने धन शोधन मामले में ईडी द्वारा दर्ज किए गए बयानों की एक प्रति मांगी है।
गौरतलब है कि ईडी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार और यहां स्थित कर्नाटक भवन के कर्मचारी हनुमनथैया तथा अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था। यह मामला कर चोरी और करोड़ों रुपए के हवाला लेन-देन के आरोपों को लेकर उनके खिलाफ पिछले साल बेंगलुरु की एक विशेष अदालत में आयकर विभाग द्वारा दाखिल आरोपपत्र पर आधारित है।
आयकर विभाग ने शिवकुमार और उनके कथित सहयोगी एस. के. शर्मा पर हवाला माध्यमों के जरिए तीन अन्य आरोपियों की मदद से भारी मात्रा में बिना हिसाब की नकद राशि नियमित आधार पर लेन-देन करने का आरोप लगाया था।