दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी के नियंत्रण होने के बाद दिल्ली सरकार ने सभी बाजारों को पूर्ण रूप से खोलने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही एक बार दिल्ली की सड़कों के किनारे फुटपाथ पर अतिक्रमण का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि फुटपाथों को लगातार अतिक्रमण से मुक्त रखा जाना चाहिए और अधिकारी कभी-कभार अतिक्रमण रोधी अभियान चलाकर अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकते।
अदालत ने यह टिप्पणी उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) को मंगोलपुरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने और यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए की कि वहां फिर से अतिक्रमण नहीं हो। अदालत ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि फुटपाथों के अवैध अतिक्रमणों को दैनिक आधार पर हटाया जाए।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, “कभी-कभार अतिक्रमण हटाने की कवायद कर प्रतिवादी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है कि फुटपाथों को लगातार अवैध अतिक्रमणों और फेरीवालों से मुक्त रखा जाए।” अदालत राजन नाम के एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने आरोप लगाया कि यहां मंगोलपुरी में एक बाजार के सामने फुटपाथ पर स्टॉलों के रूप में अनधिकृत एवं अवैध अतिक्रमण किये गये हैं। याचिका में कहा गया कि अतिक्रमण से इलाके में पैदल चलना और अन्य गतिविधियां चलाना मुश्किल हो गया है।
अदालत ने यह टिप्पणी उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) को मंगोलपुरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने और यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए की कि वहां फिर से अतिक्रमण नहीं हो। अदालत ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि फुटपाथों के अवैध अतिक्रमणों को दैनिक आधार पर हटाया जाए।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, “कभी-कभार अतिक्रमण हटाने की कवायद कर प्रतिवादी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है कि फुटपाथों को लगातार अवैध अतिक्रमणों और फेरीवालों से मुक्त रखा जाए।” अदालत राजन नाम के एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने आरोप लगाया कि यहां मंगोलपुरी में एक बाजार के सामने फुटपाथ पर स्टॉलों के रूप में अनधिकृत एवं अवैध अतिक्रमण किये गये हैं। याचिका में कहा गया कि अतिक्रमण से इलाके में पैदल चलना और अन्य गतिविधियां चलाना मुश्किल हो गया है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, हम थाना मंगोलपुरी के प्रभारी को निर्देश देते हैं कि क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने का अधिकार रखने वाले अधिशासी अभियंता, एनडीएमसी को आवश्यक बल प्रदान किया जाए।’’ इसने यह भी कहा कि एनडीएमसी और पुलिस को फिर से अतिक्रमण होने से रोकने के लिए अवरोधक भी लगाने चाहिए। क्षेत्र के सामुदायिक पार्क में वाहन खड़े किये जाने संबंधी याचिकाकर्ता की एक अन्य शिकायत पर पीठ ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस तरह की अवैध पार्किंग न हो।