नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट आधुनिक टेलीप्रजेंस व्यवस्था से जुड़ने वाला देश का पहला हाईकोर्ट बन गया है। इस तकनीक से हाईकोर्ट के जस्टिस दूसरी अदालतों के साथ बैठक कर सकते हैं। बल्कि, दूरदराज इलाकों के मामलों की सुनवाई भी कर सकते हैं। इससे लंबित मामलों का तुरंत निपटारा करने की सहूलियत मिल सकेगी। इसका उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी. लोकुर ने गुरुवार शाम को जज लाउंज से किया।
क्या है तकनीक
यह एक तरह प्रकार की टेली-क्रांफ्रेंससिंग व्यवस्था है, जिसमें एक साथ कई लोगों के साथ एक ही समय बैठ कर बात की जा सकती है। बात सुनने के अलावा दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया जा सकता है। इस तकनीक से एक दूसरे की आवाज व फोटो स्पष्ट होंगे। यह व्यवस्था किसी को सीधे संपर्क से जोड़ती है। इसमें एक साथ विभिन्न जगहों से 18 लोगों को एक साथ जोड़ा जा सकता है और यह उन सभी को आमने-सामने बैठे होने का अहसास भी कराएगा।
न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा बदलाव
इसका उपयोग विडियो क्रांफ्रेंसिंग व्यवस्था, आईपी फोन, डेस्कटॉप, लैपटाप, टैबलेट, मोबाइल आदि के जरिए किया जा सकता है। टेलीप्रजेंस व्यवस्था का उद्घाटन करते हुए जस्टिस लोकुर ने कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा बदलाव लाएगा। यह न्याय व्यवस्था की गुणवत्ता को बढ़ाएगा।
सभी को आधुनिक सूचना तकनीक का भरपूर उपयोग करना चाहिए। इस अवसर पर चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन, जस्टिस रविन्द्र भट्ट, जस्टिस एस. मुरलीघर के अलावा सभी जस्टिस मौजूद थे। जबकि हाईकोर्ट के सूचना तकनीकी कमेटी के मुखिया जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस संजीव सचदेवा हैं।