दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले मामले में पूर्व केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री ए राजा तथा अन्य की रिहाई को चुनौती देने वाले केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सीबीआई की ओर से इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग को ठुकरा दिया।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक आरोप-पत्र दाखिल किया है, जिसके मुताबिक द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की ओर से संचालित कलियंगर टीवी को एसटीपीएल प्रचारकों ने कथित तौर पर 200 करोड़ रुपये दिए थे।
सीबीआई का आरोप है कि 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस के आवंटन में सरकार को 30,984 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
गौरतलब है कि विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने इस मामले में 21 दिसंबर 2017 को सबूतों के अभाव में द्रमुक नेता ए राजा, सुश्री कनिमोझी और अन्य को बरी कर दिया था।