दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रशासन को एक बड़ा आदेश दिया है। जिसकी चर्चा दिल्ली के हर कोने में होने लगी है। जी हाँ दिल्ली हाईकोर्ट ने 27 वर्षीय एक गर्भवती महिला की एक दुर्घटना में जान गवाने की वजह से उसके पति को 5 लाख रूपए का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। इस घटना में सिर्फ एक महिला की ही जान नहीं गयी थी बल्कि एक अजन्मे बच्चे की भी मौत हुई जिसने अभी तक दुनिया को अपनी नज़रों से देखा भी नहीं था। जिस कारण अदालत ने कहा है की व्यक्ति को उसकी पत्नी और भ्रूण में पल रहे बच्चे को खोने के 5 लाख का मुआवज़ा देना चाहिए।
जस्टिस नवीन चावला ने कहा मुआवज़े के हक़दार पति
जिस महिला की दुर्घटना में मृत्यु हुई वो उत्तर-प्रदेश की पुलिस कांस्टेबल थी। और उनके पेट में 8 महीने का बच्चा पल रहा था। जस्टिस नवीन चावला ने कहा की भ्रूण में पल रहे बच्चे के अंदर भी जीवन होता है। वहीं उस व्यक्ति ने अपने पुरे परिवार को खो दिया था। ये घटना साल 2013 में हुई थी। जिसकी सुनवाई कल दिल्ली के हाईकोर्ट में हुई थी। जस्टिस नवीन चावला ने आगे कहा की “पति” मुआवज़े का हक़दार है। अदालत ने कहा है की अजन्मे बच्चे की मौत के लिए सिर्फ 2. 5 लाख रूपए काफी नहीं है। इसीलिए इसे बढ़ाकर 5 लाख रूपए कर दिया गया है।