दिल्ली हाई कोर्ट 4 अगस्त को एनआईए द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें सुरक्षा कारणों से जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने की अदालत की अनुमति मांगी गई है। एनआईए ने दिल्ली उच्च न्यायालय में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट प्रमुख यासीन मलिक की भौतिक उपस्थिति का निर्देश देने वाले अदालत के पहले के आदेश में संशोधन की मांग की है।
आतंकी फंडिंग मामले में यासीन मलिक आरोपी
आतंकी फंडिंग मामले में यासीन मलिक को मौत की सजा देने की एनआईए की अपील पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आखिरी आदेश में अगस्त में सुनवाई की अगली तारीख पर यासीन मलिक को अदालत के सामने पेश होने के लिए वारंट जारी किया था। मामले को गुरुवार को न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन बाद में 4 अगस्त, 2023 के लिए पोस्ट कर दिया गया, क्योंकि संबंधित पीठ एकत्रित नहीं हुई।
जानिए क्यों की एनआईए ने यासीन मलिक की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मांग
एनआईए ने अपने आवेदन में कहा कि यासीन मलिक को अत्यधिक जोखिम वाले कैदियों की श्रेणी के तहत नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद किया गया है और इस प्रकार, वर्तमान आवेदन एक भारी सुरक्षा मुद्दे के संबंध में है। इसलिए, यह जरूरी है कि सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने के लिए दोषी यासीन मलिक को इस अदालत के समक्ष शारीरिक रूप से पेश नहीं किया जाए। एनआईए ने कहा, उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए।