कुतुब मीनार की मस्जिद में नमाज पढ़ने का मामला एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को कहा है, कि कुतुब मीनार परिसर के अंदर स्थित मुगल मस्जिद को संरक्षित स्मारक है या नहीं इसको लेकर जवाब देने को कहा है, बता दें कि कोर्ट मस्जिद में नमाज पढ़ने पर रोक के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, कोर्ट ने कहा कि अगर मस्जिद संरक्षित स्मारकों की लिस्ट में शामिल है तो यह भी साफ करें कि वहां नमाज अदा की जा सकती है या नहीं।
मस्जिद की प्रबंधन समिति ने नमाज पढ़ने को लेकर कोर्ट में डाली थी याचिका
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मस्जिद की प्रबंधन समिति ने नमाज अदा करने पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ यह याचिका दाखिल की थी, जिस पर जस्टिस प्रतीक जालान सुनवाई कर रहे थे, अदालत ने पक्षों को तीन हफ्ते के अंदर अपनी लिखित दलीलें, उन प्राधिकारियों की प्रतियों के साथ दाखिल करने को कहा है, जिन पर वह भरोसा करना चाहते हैं, अब कोर्ट इस मामले में 13 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
अधिसूचना के तहत संरक्षित क्षेत्र में शामिल है मुगल मस्जिद
कोर्ट ने 20 जुलाई को अपने निर्देश में कहा कि इन प्रस्तुतियों और एएसआई के वकील की ओर से दी गई शुरुआती प्रस्तुतियों के आधार पर ऐसा लग रहा है और जरुरी मुद्दों के साथ इस पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है कि क्या मस्जिद 24 जनवरी, 1914 की अधिसूचना के तहत संरक्षित क्षेत्र में शामिल है।