ईरान में आपराधिक मामले में बरी होने के बाद भी फंसे पांच भारतीय नाविकों की स्वदेश वापसी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई। याचिका में नाविकों की वापसी का अनुरोध किया गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने पांच नाविकों के पिताओं की ओर से दाखिल याचिका पर निर्देश प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार के वकील को समय प्रदान किया। केंद्र की ओर से पेश वकील हरीश वैद्यनाथन से कोर्ट ने कहा, ”आप क्या कर रहे हैं? इस तरह के मामलों में आप निर्देश प्राप्त करते हैं।”
याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख मुकर्रर की गई। इस दौरान, याचिकाकर्ताओं के वकील गुरिंदर पाल सिंह ने हाई कोर्ट से ईरान में फंसे नाविकों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने के लिए तत्काल निर्देश देने का अनुरोध किया। सिंह ने कहा कि इस समय नाविक ईश्वर की दया पर जी रहे हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने यह साफ किया कि वह इस चरण में केंद्र से किसी जवाबी हलफनामा तलब नहीं कर रहे और कहा, ”उन्हें (केंद्र के वकील को) निर्देशों के साथ वापस आने दीजिए।” कोर्ट को बताया गया कि नाविकों ने वर्ष 2019 में ईरान में एक मालवाहक पोत पर कार्य शुरू किया था।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि फरवरी 2020 में ईरानी अधिकारियों ने पोत पर छापेमारी कर मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में पांचों नाविकों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, ईरान की एक अदालत ने इस साल मार्च में पांचों नाविकों को बरी कर दिया था।