ऑटो रिक्शा और टैक्सी ड्राइवरों के लिए अनिवार्य वर्दी को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली HC ने की खारिज - Punjab Kesari
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ऑटो रिक्शा और टैक्सी ड्राइवरों के लिए अनिवार्य वर्दी को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली HC ने की खारिज

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों के लिए अनिवार्य वर्दी को चुनौती देने

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों के लिए अनिवार्य वर्दी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। याचिका में कहा गया है कि ड्राइवरों पर वर्दी का लेबल लगाना संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(जी) और 21 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। 
वर्दी नहीं पहनने पर ड्राइवरों पर काटा है 20,000 रुपये जुर्माना
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने मंगलवार को आदेश पारित करते हुए याचिका खारिज करने का फैसला किया, इससे पहले अदालत ने उस याचिका पर दिल्ली पुलिस सहित सभी उत्तरदाताओं से जवाब मांगा था जिसमें दावा किया गया था कि राष्ट्रीय राजधानी में वर्दी नहीं पहनने पर ड्राइवरों पर 20,000 रुपये तक का भारी चालान लगाया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि एनसीटी और परिवहन विभाग के बीच पूरी तरह से असहमति है।
इस मुद्दे पर याचिकाकर्ता ने क्या दी दलीले
यह याचिका ऑटो और टैक्सी चालकों के संघ चालक शक्ति द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने कहा था कि वर्दी उनकी वैयक्तिकता और आत्म-अभिव्यक्ति को प्रतिबंधित करती है और साथ ही एक अतिरिक्त खर्च भी करती है जो ड्राइवर को खुद को स्वच्छ रखने में कटौती करने के लिए मजबूर करती है और इस प्रकार यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए ख़तरा पैदा किया। इसमें आगे कहा गया है कि लंदन, न्यूयॉर्क, हांगकांग, सिडनी और दुबई जैसे प्रसिद्ध महानगरीय शहरों ने टैक्सी ड्राइवरों के लिए कोई वर्दी निर्धारित नहीं की है।

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