नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार को राजधानी के लिए 500 स्टैंडर्ड फ्लोर बसों को खरीदने की मंजूरी दे दी। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वीके राव की बेंच ने साफ-साफ कहा कि स्टैंडर्ड फ्लोर वाली जिन बसों की खरीद का प्रस्ताव है। उसमें दिव्यांग लोगों की सुविधा के लिए हाईड्रोलिक लिफ्ट होनी चाहिए। इस पर दिल्ली सरकार और डीटीसी ने कोर्ट को बताया कि जिन स्टैंडर्ड बसाें की खरीद करनी हैं। वह दिव्यांग लोगाें के लिए सुविधाजनक हैं।
उन्हें सुगम बनाने के लिए उसमें हाईड्रोलिक लिफ्ट लगाई जा सकती है। इस पर ही हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की इस खरीद के निर्णय पर लगी दोनों जनहित याचिकाओं को खारिज कर बसाें को खरीदने की अनुमति प्रदान कर दी। बता दें कि निपुण मल्होत्रा नाम के एक दिव्यांग व्यक्ति ने दो जनहित याचिकाएं लगाई थीं। जिसमें उसने दिल्ली सरकार और डीटीसी के लो फ्लोर बसों की जगह स्टैंडर्ड फ्लोर बसें खरीदने के निर्णय को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि स्टैंडर्ड फ्लोर वाली बसें दिव्यांग लोगों के लिए सुविधाजनक नहीं हैं।
500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदेगी सरकार
याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि अब वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा इस मामले में खटखटाएंगे। कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि मैं दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं जिसमें दिल्ली सरकार को बसें खरीदने की मंजूरी दी गई है। इस फैसले के बाद हम सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने के लिए जल्द से जल्द बसों के बेड़े को बढ़ा पाएंगे।