राजधानी दिल्ली में हर साल शर्दी आते ही प्रदुशन भी दस्तक देता है। और यह प्रदुषण इतना ज्यादा होता है कि दिल्ली के लोगों को इससे दम भी घुटने लगता है। बता दें कि इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार और संबंधित राज्यों के कृषि मंत्रियों ने बैठक की। वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई बैठक में सभी ने इस बारे में कार्ययोजना साझा की। दिल्ली सरकार की तरफ से बैठक में मौजूद मंत्री गोपाल राय ने पराली जलाने का मसला उठाया। उनकी गुजारिश थी कि संबंधित राज्य इसका उपयुक्त समाधान निकालें, ताकि दिल्ली की हवा इस बार की सर्दी में दमघोंटू न बने।
युक्त कार्ययोजना बनाने पर चर्चा
बैठक में केंद्र सरकार के साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के संबंधित मंत्री मौजूद रहे। इस दौरान संयुक्त कार्ययोजना बनाने पर चर्चा की गई। इसमें कोशिश यह रही कि सर्दियों में इस तरह काम किया जाए, जिससे घातक प्रदूषकों से भरी हवा लोगों की सांसों पर संकट पैदा न करे। बैठक में सबसे ज्यादा जोर पराली के प्रबंधन पर था। गोपाल राय ने दिल्ली की कार्ययोजना साझा करते हुए कहा कि पांच जिलों में किसानों के लिए 50 कृषि मशीनरी की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
पौधे रोपे जाने की मुहिम तेज
राजधानी में जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए मध्य रिज में स्थानीय पौधे रोपे जाने की मुहिम तेज हो गई है। इस चरण में रिज में 100 एकड़ में स्थानीय पौधे विलायती कीकर-लैंटाना की यारी तोड़ेंगे। यहां रौंज, पिलखन, गूलर, अमलतास, पीपल, जामुन समेत कई तरह की स्थानीय प्रजातियों के पौधों को बढ़ावा दिया जा रहा है। खास बात यह है कि विलायती कीकर और लैंटाना को काटकर नहीं, बल्कि छंटाई कर हटाया जा रहा है। ऐसे में यहां विभिन्न तरह के पशु-पक्षी देखने को मिलेंगे। बनाई जा रही वाटर बॉडी
वन्यजीवों को पानी की तलाश में बाहर न जाना पड़े, इसके लिए वन विभाग रिज में वाटर बॉडी का निर्माण कर रहा है। इसके लिए 10 जगहों को चिन्हित कर तालाबनुमा वॉटर बॉडी विकसित की जा रही हैं। पॉकेट ए और बी में इन्हें सबसे पहले बनाया जा रहा है। बता दें मौजूदा समय में बंदर, सियार, मोर निल गाय पानी की तलाश में कई बार रिज से बाहर आ जाते हैं। इससे वह कई बार दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।