दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाले भारत की जनसंख्या बढ़ने से मुश्किले बढ़ती जा रही है। ऐसे में सभी लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं पुरा करना मुश्किल होता जा रहा है। बुनियादी सुविधाओं में से एक चिकित्सा सुविधा की वजह से भी भारत की मुश्किले बढ़ती जा रही है। चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारों की भी एक बड़ी जिम्मेदारी है। लेकिन सरकार से ये जिम्मेदारी पूरी नहीं हो रही है।
जांच मशीनों को निजी अस्पताल से लिया जाएगा
दिल्ली में दूरदराज से लोग यहां पर अपने कामकाज व व्यवसाय के लिए आकर रहते हैं। इसके अलावा, दिल्ली का राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण यहां पर सर्वोच्च स्वास्थ्य सुविधाओं का होना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इन चुनौतियों से पार पाने के लिए दिल्ली सरकार विशेष रणनीति पर काम कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिए निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय अधिकारियों द्वारा सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में जिन आवश्यक जांच मशीनों की कमी है। उसकी भरपाई प्राइवेट अस्पतालों से किया जाएगा और उन मशीनों का खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी।
जांच मशीनों की कमी की वजह से सरकार ने लिया फैसला
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के के अनुसार अब दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में जिन जांच मशीनों की कमी होगी। उसके लिए प्राइवेट अस्पतालों से संपर्क किया जाएगा। यानि प्राइवेट अस्पतालों में प्रयोग की जाने वाली आधुनिक जांच मशीनों का प्रयोग अब सरकारी अस्पतालों में भी होगा लेकिन खर्च का निर्वहन दिल्ली सरकार की तरफ से किया जाएगा।