दिल्ली कांग्रेस चल रही है चिट्ठियों की राजनीति - Punjab Kesari
Girl in a jacket

दिल्ली कांग्रेस चल रही है चिट्ठियों की राजनीति

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में जिस तरह से सियासी घमासान मचा हुआ है, उसमें चि​ट्ठियां अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा

नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में जिस तरह से सियासी घमासान मचा हुआ है, उसमें चि​ट्ठियां अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। प्रदेश में जिस तरह की गुटबाजी है, उसमें दोनों गुटों के बीच चिट्ठियां हथियार बनी हुई हैं। प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको के बीच इस समय कई मुद्दों को लेकर दोनों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। दोनों के ही तरफ से एक-दूसरे पर चिट्ठी के माध्यम से हमले किए जा रहे हैं। 
 
पार्टी सूत्रों के मुताबिक गत शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के घर बैठक कर निकलने के बाद से ही चिट्ठियां लिखने का क्रम जारी है। शीला ने 280 ब्लॉक समितियां भंग करने का निर्णय लिया तो चाको ने उन्हें चिट्ठी लिखकर ही इसका विरोध जताया। उन्होंने इस निर्णय को पार्टी के हित में नहीं बताते हुए इसे वापस लेने का फरमान जारी कर दिया। लेकिन शीला एंड कंपनी चाको के किसी भी फरमान को मानने के लिए तैयार नहीं है। 
सूत्र बताते हैं कि शीला ने चाको की इस चिट्ठी का कोई सीधा जवाब न देते हुए एक नई चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव में हार के बाद और आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति के तहत प्रदेश कांग्रेस के पुनर्गठन की जरूरत पर बल दिया। साथ ही शीला ने ब्लॉक के बाद जिला समितियों को भी भंग करने के लिए अनुमति मांगी। शीला ने इस चिट्ठी  को राहुल गांधी और एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल को भेजा है साथ ही प्रदेश प्रभारी को भी सीसी किया है। 
अब बारी थी चाको की।  लिहाजा उन्होंने शीला की चिट्ठी के जवाब में फिर चिट्ठी लिखी। सूत्रों के मुताबिक इस चिट्ठी में चाको ने अपेक्षाकृत कठोर शब्दाें का प्रयोग किया। उन्होंने लिखा कि ब्लॉक की तरह सभी जिला समितियों ने भी लोकसभा चुनाव में बेहतर काम किया है और हार की जिस समीक्षा कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर इन्हें हटाया जा रहा है, वह आधारहीन है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि इस समिति के समक्ष चार लोकसभा उम्मीदवारों ने तो अपना पक्ष तक नहीं रखा है। इसलिए जिला समितियां भंग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। 
शीला की तरह चाको ने भी यह पत्र  राहुल और वेणुगोपाल को भी भेजी है। शीला एंड कंपनी चाको की इस चिट्ठी को बेमतलब बता रहे हैं। उनका तर्क है कि उन्होंने इजाजत राहुल गांधी और वेणुगोपाल से मांगी है ना कि पीसी चाको से? शीला दीक्षित चाको के किसी भी बात को सुनने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। इसके विपरीत ब्लॉक अध्यक्षों के चयन के लिए आबर्जवर नियुक्त किए जा रहे हैं। 
इसके साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी भी बनाने की तैयारी कर ली है। जिसमें 10 महासचिव और 10 उपाध्यक्ष के साथ एक दर्जन के करीब सचिव होंगे। बहरहाल,  चिट्ठियों और गुटबाजी के इस माहौल में ब्लॉक एवं जिला समितियों दोनों में ही असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है। कुछ का कहना है कि अभी भी वही अध्यक्ष हैं जबकि कुछ का कहना है कि अब वह अध्यक्ष नहीं हैं। 
– सुरेन्द्र पंडित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।