4 दिसंबर 2022 को MCD चुनाव हुए थे । जिसमें ‘aap party’ को प्रचंड बहुमत से जीत मिली थी । जिसके बाद नगर निगम की कमान केजरीवाल के हाथों में चला गया। वहीं इससे पहले 15 सालों से MCD की सत्ता ‘भारतीय जनता पार्टी’ के हाथों में थी, जो कि MCD चुनाव हारने के कुछ दिनों बाद BJP ‘प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर’ की ओर से सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया गया है जिसमें अपील की गई है की दिल्ली नगर निगम दिल्ली सरकार के अधीन नहीं है। जिसमें उन्होंने कहा की दिल्ली नगर निगम संशोधन के बाद MCD अब केंद्र सरकार के अंदर या उप-राज्यपाल के अधीन है।
बीजेपी की ओर से ये बयान सौरभ भारद्वाज के उस बयान के बाद एक और बयान आया जिसमें उन्होंने कहा की, ‘दिल्ली विधानसभा-समिति के सदस्यों का एक पैनल जल्द ही देश के कुछ सबसे स्वच्छ शहरों का दौरा करेंगे और स्वच्छता मॉडल का अध्यन करेंगें।
आइये आपको बताते हैं MCD संशोधन के बारे में
दरअसल राजधानी दिल्ली में कानून-व्यवस्था, पुलिस और ज़मीन का ‘काम केंद्र सरकार’ का होता है, और दिल्ली सरकार को इन तीन क्षेत्र को छोड़कर, सभी क्षेत्रों में कानून बनाने और इसे लागू करने का पूरा-पूरा अधिकार है। वहीं आपको बता दें कि, देश के सभी केंद्र शासित प्रदेश में सेक्शन- 239 लागू होता है, लेकिन दिल्ली में सेक्शन- ‘239AA’ और ‘239AB’ लागू होता है। इसके साथ ही ‘केंद्र’ और ‘दिल्ली’ की सरकार अगर किसी एक मुद्दे पर कानून बनाती है तो ‘केंद्र’ का ‘कानून’ क्षेत्र में लागू होता है। और ये अनुच्छेद दिल्ली को अन्य केंद्र शासित प्रदेश से अलग बनाती है
दरअसल राजधानी दिल्ली में कानून-व्यवस्था, पुलिस और ज़मीन का ‘काम केंद्र सरकार’ का होता है, और दिल्ली सरकार को इन तीन क्षेत्र को छोड़कर, सभी क्षेत्रों में कानून बनाने और इसे लागू करने का पूरा-पूरा अधिकार है। वहीं आपको बता दें कि, देश के सभी केंद्र शासित प्रदेश में सेक्शन- 239 लागू होता है, लेकिन दिल्ली में सेक्शन- ‘239AA’ और ‘239AB’ लागू होता है। इसके साथ ही ‘केंद्र’ और ‘दिल्ली’ की सरकार अगर किसी एक मुद्दे पर कानून बनाती है तो ‘केंद्र’ का ‘कानून’ क्षेत्र में लागू होता है। और ये अनुच्छेद दिल्ली को अन्य केंद्र शासित प्रदेश से अलग बनाती है