दिल्ली के भाजपा विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को सीबीआई निदेशक से मुलाकात कर सार्वजनिक बसों में मार्शलों की नियुक्ति में कथित ‘अनियमितताओं’ की जांच कराने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने किया।
गुप्ता ने दावा किया कि इस मामले में ‘व्यापक पेचीदगियां’ हैं और इसमें वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं की भागीदारी थी।
उन्होंने कहा, ‘लिहाजा, यह उचित होगा कि सीबीआई इस मामले की गहराई से जांच करे।’
दिल्ली के परिवहन विभाग ने जिलाधिकारियों से 10 हजार नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की सूची मांगी थी जिन्हें डीटीसी और क्लस्टर बसों में बतौर मार्शल तैनात किया गया।
इस संबंध में सरकार को राजस्थान के कई आवेदकों को दिल्ली का मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में शाहदरा जिला मजिस्ट्रेट के खिलाफ ‘अनियमितताओं’ की शिकायतें मिली थीं। इससे आवेदकों को नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की भर्ती में मदद मिली थी।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि आईएएस अधिकारी को उपराज्यपाल के आदेश पर लंबित जांच के बीच स्थानांतरित कर दिया गया था।
उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं पता कि अधिकारी का तबादला क्यों किया गया क्योंकि स्थानांतरण और पोस्टिंग से जुड़े सेवा मामले उपराज्यपाल कार्यालय के दायरे में आते हैं।’
गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायकों ने इस मामले की जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के पास भी शिकायत दर्ज कराई है।