डिग्री चाहिए... तो अब जाना होगा गांव - Punjab Kesari
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डिग्री चाहिए… तो अब जाना होगा गांव

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नई दिल्ली: अभी तक देश में परंपरा सी चली आ रही है कि अगर उच्च शिक्षा लेनी है, तो शहर जाना पड़ता है। लेकिन नेशनल काउंसिल ऑफ रूरल इंस्टिट्यूट (एनसीआरआई) ने इसमें एक अहम बदलाव किया है। जिसके अनुसार अब अगर स्नातकोत्तर (एमए) की पढ़ाई करनी है तो गांवों में जाना जरूरी होगा। एनसीआरआई का लक्ष्य है कि वर्ष 2019 में महात्मा गांधी के जन्म के 150 वर्ष के अवसर तक इसे देश के सभी विवि में वहां के अनुसार पाठ्यक्रम बना कर लागू कराया जा सके। गुरुवार को इंडिया हैबिटेट सेंटर में केंद्रीय ग्रामिण विकास राज्यमंत्री राम कृपाल यादव ने महात्मा गांधी ग्रामिण वि अभियान नाम के इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

2019 तक लागू…

एनसीआरआई के चेयरमैन डॉ. डब्ल्यूजी प्रसन्ना कुमार बताते हैं कि देश में गांवों को उन्नत बनाने के लिए देश के सभी विश्वविद्यालयों में स्नात्कोत्तर की पढ़ाई में रूरल मैनेजमेंट का विषय भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए कुछ कॉमन पाइंट के साथ सभी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर उनके लिए पाठ्यक्रम तय किए जाएंगे। लक्ष्य रखा गया है कि अगले वर्ष महात्मा गांधी की 150वें जन्म दिवस पर इसे राज्यों की 370 विश्वविद्यालयों, केंद्र सरकार के 47 विश्वविद्यालयों, एनआईटी के 31 और आईआईटी के 23 कॉलेजों में शुरू करा दिया जाए। अभी तक इसके लिए देश के 67 विश्वविद्यालयों में काम पूरा हो चुका है। यही नहीं दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू और जामिया समेत देश के 32 विश्वविद्यालयों में इसे अगले सेमेस्टर से ही लागू कर दिया जाएगा।

आदर्श ग्राम योजना को देंगे सपोर्ट…

डॉ. प्रसन्ना के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को सांसद आर्दश ग्राम योजना, उन्नत भारत अभियान और विलेज डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत गांवों से जोड़ा जाएगा। जिसमें छात्र जिला स्तर पर गांव के लोगों और जिला अधिकारियों के साथ वहां की समस्या समझेंगे और उनका हल ढूूंढेंगे। यही हल उनका प्रोजेक्ट होगा। इससे गावों को उनकी समस्या का हल भी मिलेगा और छात्र गावों से बेहतर तरीके जुड़ सकेंगे। इसके तहत चार तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर के मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

जेएनयू खोलेगा रूरल मैनेजमेंट स्कूल

इस अवसर उपस्थित जेएनयू के रेक्टर तीन डॉ. आरके सिंह ने बताया कि जेएनयू पहले से ही ग्रामीण विकास को लेकर कई तरह के रिसर्च कार्यक्रम चला रहा है। इस कार्यक्रम को अपनाने के लिए चीफ प्रॉक्टर डॉ. कौशल कुमार शर्मा के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन भी कर लिया गया है। इसके अलावा जेएनयू में ग्रामिण विकास को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही एक मैनेजमेंट स्कूल भी खोला जाएगा।

तीन महीने रहना होगा गांव में

एनसीआरआई के इस कार्यक्रम के संयोजक और जेएनयू के चीफ प्रॉक्टर डॉ. कौशल कुमार शर्मा का कहना है कि इस पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को तीन महीने के लिए गांवों में रहना होगा। इसके लिए छात्रों को हर महीने दस हजार रुपए की प्रोत्साहन राशी भी दी जाएगी। इसके साथ ही इसमें शिक्षकों को भी शामिल किया जाएगा।

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