दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को विमानन घोटाले से संबंधित धनशोधन के मामले में सह आरोपी एवं कारपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार की घनिष्ठ सहयोगी यास्मीन कपूर को जमानत दे दी। यह मामला एक बातचीत से संबंधित है जिससे विदेशी निजी एअरलाइनों को कथित तौर पर फायदा पहुंचा था और इससे सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को नुकसान हुआ था।
विशेष न्यायाधीश अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने आरोपी को राहत देते हुए कहा कि वह मुख्य आरोपी नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय ने कपूर को तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने यह दलील दी थी कि वह जमानत का दुरुपयोग कर रही है, इसके बाद अदालत ने उसकी अग्रिम जमानत रद्द कर दी थी।
अदालत ने कपूर को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की एक जमानत पेश करने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदातल ने कहा, ‘‘आरोपी जाहिरा तौर पर मुख्य आरोपी नहीं है, और हिरासत में लिये जाने से पहले वह लंबे समय तक अग्रिम जमानत पर थी।’’ अदालत ने कहा कि तथ्यों के आलोक में जैसे वे हैं, नियमित जमानत की मांग करने वाली आरोपी की याचिका पर विचार करते हुए उसे जमानत दी जाती है।
इसमें कहा गया है, ‘‘आरोपी दीपक तलवार जबतक न्यायिक हिरासत में है, याचिकाकर्ता प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से उससे संपर्क करने का कोई प्रयास नहीं करेगी।’’ अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता (मामले के) फरार आरोपियों के साथ संपर्क नहीं करेगी अथवा अदालत की कार्यवाही या जांच से बचने के लिए उनलोगों को कोई सहायता भी मुहैया नहीं कराएगी। याचिकाकर्ता प्रवर्तन निदेशालय में गवाही दे चुके अथवा गवाही दे रहे अथवा गवाही देने वाले किसी भी गवाह से संपर्क नहीं करेगी।’’
अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी बिना अदालत की अनुमति के देश से बाहर नहीं जाएगी। जमानत की मांग करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरि हरन ने अदालत को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय पहले ही पूरक आरोप पत्र दायर कर चुका है और अब उसकी जांच करने की जरूरत नहीं है और इसलिए याचिकाकर्ता को हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है। अधिवक्ता ने अदालत से कहा, ‘‘याचिकाकर्ता (कपूर) लिखित में यह अश्वासन देने के लिए तैयार है कि वह वह किसी भी तरह से जांच या न्याय की प्रक्रिया में न तो हस्तक्षेप करेगी और न ही हस्तक्षेप करने का प्रयास करेगी।’’
उन्होंने अदालत को बताया, ‘‘याचिकाकर्ता की अपराध में प्रत्यक्ष तौर पर कोई भूमिका नहीं है। अदालत ने पहले इस तथ्य पर विचार किया था कि साक्ष्यों के दस्तावेजी स्वरूप में होने के कारण इनके साथ छेड़छाड़ किए जाने की कोई संभावना नहीं है।’’ प्रवर्तन निदेशालय के विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने अदालत को बताया कि मामले की जांच जारी और यह महत्वपूर्ण स्तर पर पहुंच गया है।
राणा ने कहा कि मामले के दो आरोपी – रिषि चौहान एवं आदित्य तलवार- फरार हैं।’’ एजेंसी ने दावा किया, ‘‘कपूर अतीत में गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास कर चुकी हैं और अतीत के उनके आचरण को देखते हुए जांच में हस्तक्षेप की आशंका है । इससे जांच की प्रक्रिया में देरी होगी।’’ अदालत ने कपूर को 22 मार्च को अग्रिम जमानत दी थी, जब तलवार न्यायिक हिरासत में था । यह मामला प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किया है।
कपूर ने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए दावा किया था कि प्रवर्तन निदेशालय ने उसे लोगों के नाम बताने तथा सरकारी अधिकारियों या राजनीतिक पदाधिकारियों का नाम बताने के लिए तलवार को समझाने के लिए कहा था और धमकी दी थी कि इसमें विफल रहने पर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मामले में तलवार को संयुक्त अरब अमीरात से डिपोर्ट कर यहां लाया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले कहा था कि जांच एजेंसी यास्मीन और तलवार से पूछताछ करना चाहती है ताकि नागरिक विमानन मंत्रालय, नेशनल एविएशन कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड और एयर इंडिया के उन अधिकारियों के नाम का पता लगाया जा सके जिन्होंने कतर एअरवेज, अमीरात्स और एअर अरबिया समेत विदेशी विमान कंपनियों के पक्ष में काम किया था।