संस्कार से ही संस्कृति बनती है : सुधांशु महाराज - Punjab Kesari
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संस्कार से ही संस्कृति बनती है : सुधांशु महाराज

भर गए जो नींव में उन पत्थरों को याद कर लो, जो नहीं देते दिखाई उन बहादुर को

पश्चिमी दिल्ली : भर गए जो नींव में उन पत्थरों को याद कर लो, जो नहीं देते दिखाई उन बहादुर को याद कर लो। नींव के पत्थर बनकर हमारी ईश्वर प्रकाश गुप्ता जी ने बहुत छोटे और बड़े कार्य किए। छोटे-छोटे काम उनके जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं। उक्त विचार पूज्य सुधांशु महाराज ने पंजाबी बाग स्थित श्री ईश्वर प्रकाश गुप्ता स्मृति वन के नामकरण समारोह के दौरान व्यक्त किए। 
उन्होंने कहा कि हमारे ईश्वर प्रकाश गुप्ता जी ने जन-जन की धन, मन और तन से सेवा की। संघ की शाखाओं में बच्चों को साथ ले जाना तो कभी तुलसी के पौधे बांटना तो कभी चिकित्सक बनकर दवाएं देना। अपने बच्चों को वह संस्कार देना जो आने वाले समय में काम आएं, चाहे समय कितना भी बदल जाए लेकिन संस्कार और संस्कृति उनसे कभी भी दूर न हो। जिस परिवार में लोग अपने पिताजी को सर्वोपरि मानते हैं और माता-पिता का आशीर्वाद लेते सम्मान करते हैं उनकी जीवन में कभी हार नहीं होती है। वह जीवन में हमेशा फलते-फूलते हैं। 
इसलिए कहा गया है कि जिनके घर में माता-पिता और गुरुजन का आशीर्वाद है वही धरती पर अपना अस्तित्व रखते हैं। माता-पिता का सम्मान करने वाले लोगों का स्थान हमेशा ऊपर होता है, किसी भी परिस्थिति में किसी भी हालत में अपने माता-पिता का सम्मान करना न भूले, संस्कार हमें घर से मिलते हैं। वहीं लोगों को सम्बोधित करते हुए प्रेमजी गोयल ने कहा कि जिंदगी में जिन भी लोगों के अच्छे शब्द सुनें है, अपने जीवन में अपनाएं। ईश्वर प्रकाश गुप्ता ने अपने जीवन में बहुत परि​श्रम किया है। उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। 
हम कहां से चलकर कहां पहुंचे, इसे अपने जीवन में कभी नहीं भूलना चाहिए। हमारी लग्न और हमारा परिश्रम हमें आगे बढ़ाता है। दिल्ली नगर निगम इस स्मृति वन में एक पुस्तकालय अवश्य बनवाए जिसमें हमारे महान लोगों की पुस्तकें रखी जाएं। लोग उन पुस्तकों को पढ़कर उनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में अपनाएं। जब लोग प्रेरणा के पथ चलेंगे तभी हमारा देश विश्व गुरु बनेगा। हमारे देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था लेकिन हमारा देश सोने की चिड़िया नहीं सोने का शेर बनेगा जिसे कोई भी हरा नहीं सकता है। 
वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की चेयरपर्सन श्रीमती किरण चोपड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि जिंदगी में हमेशा दो पहलू होते हैं सुख और दुख। हमें हर अवस्था में बैलेंस बनाए रखना चाहिए। पहले माता-पिता अपने बच्चों का नाम बड़ा सोच समझ कर रखते थे जिन नामों के मीनिंग हुआ करते थे लेकिन अब जमाना मार्ड्न है और इस मार्ड्न जमाने में लोग अपने बच्चों का नाम भी मॉर्ड्न ही रखते हैं। ईश्वर प्रकाश गुप्ता जी का नाम उनके माता-पिता ने बहुत ही सोच समझ कर रखा होगा। उनका नाम ईश्वर के नजदीक और चारों तरफ प्रकाश फैला रहा है। 
इस परिवार के साथ मेरा गहरा संबंध है। वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब का जब भी कोई कार्यक्रम होता था उनकों मैं अपने सामने देखती थी। वह हमेशा आशीर्वाद के रूप में मेरे सामने होते थे, उनके नाम से यह वन हमेशा हरा भरा रहेगा और लोगों के जीवन में हरियाली लाएगा। जिस भी किसी के नाम का पत्थर लगता है वह सिर्फ पत्थर नहीं होता, इंस्प्रेशन होती है, वह पत्थर बोलता है कि आप देखो कि मैंने जीवन में क्या-क्या काम किए इसीलिए मेरे नाम का यह पत्थर लगा है। किसी के भी नाम का पत्थर नहीं लगता, उसके लिए अच्छे काम करने होते हैं और हम सभी चाहते हैं कि हमारे नाम का पत्थर लगे। 
अपने नाम का पत्थर लगवाना है तो हमें अपने जीवन में अच्छे काम करने होंगे। वहीं अपने विचारों को व्यक्त करते हुए सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि जब कोई परिवार एक साथ मिलकर रहता है तो वह उपवन हो जाता है इसी वन का नाम स्मृति वन है। यह वन हमेशा हरा-भरा ही रहेगा। बाबूजी के तीनों बेटे राकेश, दिनेश और मुकेश हमेशा इस वन को हरा-भरा बनाए रखेंगे। वहीं सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि माता-पिता के आशीर्वाद से ही मैं यहां हूं। ईश्वर प्रकाश जी के तीनों बेटे ही नहीं उनका पूरा परिवार हमेशा ही सेवा में लगा रहता है। यह परिवार नहीं श्रेष्ठ गुणवान परिवार है। मुझे बेहद खुशी हो रही है कि ऐसे महान व्यक्ति के नाम पर इसका नाम रखा जा रहा है। 
वहीं भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि एक परिवार में भी रहकर लोग एक-दूसरे से बात नहीं करते हैं, लेकिन ईश्वर बाबूजी का परिवार दूर रहने के बावजूद भी हर हफ्ते एक दूसरे से मिलता रहता है। इनके माता-पिता के संस्कार हैं जो इनको आज भी एक-दूसरे से जोड़े हुए हैं। कहते हैं कि माता-पिता के पैरों में जन्नत होती है। जो जीवन में आ रही कठिनाई को दूर करती है। वहीं सांसद अनिल जैन ने कहा कि वन का नाम ईश्वर बाबूजी के नाम पर रखा गया है जोकि हम सबके लिए हर्ष का विषय है। विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि इस वन का नामकरण ईश्वर जी के नाम पर किया जा रहा है जो लोगों के लिए जीवन में सदा प्रेरणा का स्रोत होगा। 
निगम पार्षद कैलाश सांकला ने कहा कि यह पार्क साढ़े 800 एकड़ की जमीन पर बनाया गया है। जो आने वाले दिनों में लोगों के लिए पर्यटन स्थल भी बनेगा। जहां लोग भारत के कोने-कोने के लोग दर्शन कर सकेंगे। वहीं इस दौरान महापौर सुनीता, चेयरमैन भूपेन्द्र गुप्ता, नेता सदन कमलजीत सहरावत, श्री ईश्वर प्रकाश गुप्ता जी के तीनों बेटों राकेश, दिनेश और मुकेश के साथ पूरा परिवार उपस्थित रहा। कार्यक्रम के दौरान अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी लोगों को तुलसी के पौध वितरित किए गए।

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