दिल्ली में पुराने वाहनों पर शिकंजा, पेट्रोल पंप पर होंगे सीज - Punjab Kesari
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दिल्ली में पुराने वाहनों पर शिकंजा, पेट्रोल पंप पर होंगे सीज

दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए पुराने वाहन होंगे सीज…

दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे लगाए जाएंगे, जो ओवरएज वाहनों की पहचान करेंगे और उन्हें वहीं सीज कर दिया जाएगा। यह कदम दिल्ली सरकार की वायु गुणवत्ता सुधारने के प्रयासों का हिस्सा है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए अब पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर शिकंजा कसने की तैयारी पूरी हो चुकी है। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) के टेक्निकल सदस्य डॉ. वीरेंद्र शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि जुलाई से दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर (स्वचालित नंबर प्लेट पहचान) कैमरे लगाए जाएंगे, जो ऐसे वाहनों की पहचान कर सकेंगे, जिनकी निर्धारित उम्र सीमा पूरी हो चुकी है।

दिल्ली में पुराने वाहनों पर सख्त कार्रवाई

डॉ. शर्मा ने बताया कि बीएस6 से नीचे के और ओवरएज वाहनों को अब पेट्रोल पंप पर ही सीज कर दिया जाएगा। इसके लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स भी बनाई गई है, जो अलग-अलग इलाकों और पेट्रोल पंपों पर जाकर जांच करेगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा, “यह कदम दिल्ली सरकार की ओर से वायु गुणवत्ता को बेहतर करने के प्रयासों का हिस्सा है। अब नियमों का सख्ती से पालन होगा, जिन वाहन मालिकों के पास ओवरएज गाड़ियां हैं, उन्हें सचेत हो जाना चाहिए।” डॉ. शर्मा ने बताया कि दिल्ली के प्रमुख हाईवे पर भी एएनपीआर कैमरे लगाए जा चुके हैं, जिससे बाहरी राज्यों से आने वाले पुराने वाहनों की भी पहचान की जा रही है। यह तकनीक बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के नंबर प्लेट स्कैन कर वाहन की डिटेल्स जांचने में सक्षम है।

वायु प्रदूषण रोकने के लिए पुराने वाहनों पर शिकंजा

उन्होंने दावा किया कि इस बार दिल्ली की सर्दियों में प्रदूषण स्तर पहले की तुलना में काफी कम देखने को मिलेगा, क्योंकि लगातार निगरानी और सख्त कार्रवाई से हालात बेहतर होंगे। बता दें कि दिल्ली की भाजपा सरकार ने शुरुआत से ही प्रदूषण को लेकर सख्ती बरती है। सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई एहतियाती कदम उठाए हैं। दिल्ली में कचरा प्रबंधन को लेकर बड़ी पहल शुरू हो गई है। वर्षों से जमा हो रहे कूड़े के पहाड़ अब इतिहास बनने की कगार पर हैं। सरकार की योजना है कि अगले एक साल में इन लैंडफिल साइट्स को खत्म कर, उनके स्थान पर हरित ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएं।

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