दिल्ली की एक अदालत ने उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगो के मामले में गिरफ्तार ताहिर हुसैन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने पुलिस पर अपने अधिकारों का गलत प्रयोग करने और उनके खिलाफ झूठे और फर्जी लंबित मामले दिखाने का आरोप लगाया था।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने जांच अधिकारी या थाना प्रभारी या उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त या दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के उपायुक्त के खिलाफ जरुरी कानून कार्रवाई करने का अनुरोध करने वाली अर्जी खारिज कर दी।
हुसैन ने आरोप लगाते हुए यह कहा है कि पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज छठी प्राथमिकी के संबंध में अदालत को सूचना नहीं दी है। आम आदमी पार्टी के निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
ताहिर हुसैन पर आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का भी आरोप है। पहले हुए सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने कथित तौर पर दंगाइयों का इस्तेमाल ‘मानव हथियार’ के रूप में किया जो उसके उकसाने पर किसी की भी हत्या कर सकते थे।