महिला पहलवानो से उत्पीड़न के आरोप में डब्लू एफ आई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उन्हें 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर ज़मानत मिल गई है। जमानत देते हुए अदालत ने कुछ शर्ते रखी की ब्रजभूषण बिना सूचना दिए बिना देश के बाहर नहीं जा सकते, शिकयतकर्ताओं को कोई धमकी या प्रलोभन नहीं दिया जाए , गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।
जाने क्या कहा अदालत में ?
जब अदालत ने अभियोजक से पूछा कि क्या वह जमानत याचिका का विरोध कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, “मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही समर्थन कर रहा हूं.” उन्होंने अदालत से कहा, “आवेदन को कानून और उच्चतम न्यायालय की ओर से पारित आदेश के अनुसार निपटाया जाना चाहिए। शिकायतकर्ता के पक्ष के अधिवक्ता ने आवेदन पर ऐतराज जताते हुए कहा कि आरोपी बहुत प्रभावशाली है।
आरोपी पक्ष के वकील ने कहा शर्तो का पालन होगा
उन्होंने अदालत से कहा , जमानत नहीं दी जानी चाहिए ,अगर इसकी आज्ञा दी जाती है ,तो कड़ी शर्ते लगाई जानी चाहिए। आरोपी पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया वह सभी शर्तो का पालन करेंगे। बचाव पक्ष के वकील ने अदालत को कहा,कोई धमकी वगैरह नहीं होगी। कानून बहुत स्पष्ट है। उन्हें जमानत दी जानी चाहिए, मैं शर्तों का पालन करने का वचन दे रहा हूं।
पुलिस की तरफ से हुई ये कार्यवाई
पुलिस ने इस मामले में 1599 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. जिसमें आरोपी बृजभूषण शरण सिंह और WFI सेक्रेटरी विनोद तोमर के खिलाफ केस का जिक्र है. इस चार्जशीट में कुल 44 विटनेस हैं. चार्जशीट में कुल 108 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. जिनमें 15 लोगों ने पीड़ित रेसलर्स के समर्थन में बयान दिए हैं।