नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में गुरुवार को खूब गहमा गहमी का माहौल था। दिल्ली के सातों प्रत्याशी यहां मौजूद थे, मीडिया के कैमरे की चकाचौंध थी। दिल्ली लोकसभा के सातों प्रत्याशी गुरुवार को मीडिया से रूबरू हुए। इस मौके पर सभी प्रत्याशियों ने कहा कि उनकी लड़ाई भाजपा से है, आप पार्टी उनके लिए चुनौती नहीं है। दिल्ली में कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। इससे पहले प्रदेश प्रभारी पीसी चाको की अगुवाई में सभी प्रत्याशियों की बैठक हुई।
जिसमें चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई। इसके तहत जल्द ही चुनाव प्रबंधन समिति का गठन किया जाना है। लोकसभा की इस बार की कांग्रेस की रणनीति कैसी होगी, इसके तहत कम्पेनिंग कमेटी को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। गुरुवार को सभी सातों प्रत्याशियों की बैठक में अन्य कई निर्णय भी लिए गए। जिसमें दिल्ली के लिए एक अलग से मेनीफेस्टो जारी किया जाएगा। एक-दो दिन के भीतर ही मेनीफेस्टो को अंतिम रूप दे दिया जाएगा, जिसके बाद उसे रिलीज किया जाएगा।
इसमें जहां सीलिंग के मसले से दिल्ली को निजात दिलाने की बात की गई है, वहीं मेनीफेस्टो में लाल डोरा, अनिधिकृत कॉलोनियों के अलावा दिल्ली को जाम से निजात दिलाने का भी वादा किया जाने वाला है। जाम से निपटने के लिए मोनो रेल का विकल्प कांग्रेस के इस मेनीफेस्टो में होगा। कांग्रेस इस बार एक नई चीज और करने जा रही है, कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने जिन सहकारी बोर्ड को अनावश्यक बताकर खत्म कर दिया, कांग्रेस उसे फिर से शामिल करेगी।
अब देखना होगा कि वो कौन-कौन से बोर्ड हैं, जिसका कांग्रेस नए सिरे से मूल्यांकन करेगी। मसलन रूलर (ग्रामीण) डवलपमेंट बोर्ड जैसी बात की जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी, कार्यकारी अध्यक्षों और सभी सातों प्रत्याशियों की बैठक में अन्य कई चुनावी मुद्दों पर चर्चा हुई। खास बात यह रही कि कांग्रेस अपने दिल्ली के मेनीफेस्टो में किसी भी पार्टी की आलोचना नहीं करेगी। सिर्फ दिल्ली की विकास की बात करेंगे। विपक्षी पार्टियों पर वह प्रेस कांफ्रेंस के जरिए हमला करेंगे। इसके लिए हर दिन एक-एक प्रत्याशी की जिम्मेदारी लगाई जाएगी। इसके अलावा गुरुवार को पूर्व पार्षद को घर वापसी कराई। जबकि आम आदमी पार्टी के एक नेता को भी कांग्रेस में शामिल किया।
– सुरेन्द्र पंडित