नई दिल्ली : एक बार फिर लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ कांग्रेस के गठबंधन पर संकट के बादल छाने लगे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने साफ कर दिया है कि वह आप पार्टी के साथ न तो पंजाब में और न ही हरियाणा में एलायंस करेगी। जबकि आप पार्टी इस पर अड़ी हुई है कि कांग्रेस अगर दिल्ली में एलायंस चाहती है तो उसे पंजाब और हरियाणा दोनों में सीटें दें। रविवार को एआईसीसी राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने एक बयान में कहा है कि पार्टी पंजाब और हरियाणा में एलायंस नहीं करेगी।
ऐसी स्थिति में अब दिल्ली में आप पार्टी के सामने राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। इधर, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पहले से ही एलायंस को मना करती आई है, लेकिन एलायंस पर पार्टी में हो- हल्ला होता देख प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित ने अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर छोड़ दिया है। लेकिन पिछले दो दिनों से आप पार्टी अंदरखाने कांग्रेस पर इस बात का दबाव बना रही है कि कांग्रेस किसी तरह दिल्ली के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा में भी एलांयस करे।
आप पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का ऑफ द रिकॉर्ड कहना है कि अगर पंजाब और हरियाणा में एलायंस में नहीं होगा तो वह दिल्ली में भी एलायंस नहीं करेगी। आप पार्टी पंजाब में एक सीट और हरियाणा में तीन सीट मांग रही है। उसी शर्त पर दिल्ली में वह तीन सीट देने की बात कर रही है लेकिन आप पार्टी की यह धमकी गीदड़ भभकी मानी जा रही है। कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली में तो वैसे भी प्रदेश कांग्रेस इस एलायंस के खिलाफ थी, लेकिन कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं की जिद के आगे झुकना पड़ा और पार्टी 4-3 के फार्मूले पर एलायंस के लिए राजी हो गई।
लेकिन दूसरी तरफ आप पार्टी चाहती है कि किसी तरह से हरियाणा और पंजाब में भी एलायंस हो। गौरतलब है कि शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने साफ कर दिया था कि उन्हें पंजाब में किसी के साथ एलायंस की दरकार नहीं है। ऐसे ही हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर व हुड्डा एंड संस ने साफ कह दिया था कि वह हरियाणा में आप को एक भी सीट नहीं देगी। अब सुरजेवाला के बयान के बाद एलायंस की राजनीति बदल गई है। दिल्ली में एलायंस फिर 50-50 पर आ गई है। अब देखना है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस इस पर क्या स्टैंड लेती है।
– सुरेन्द्र पंडित