मानव संसाधन विकास मंत्रालय की समिति शुक्रवार को करेगी JNU का दौरा - Punjab Kesari
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मानव संसाधन विकास मंत्रालय की समिति शुक्रवार को करेगी JNU का दौरा

मानव संसाधन विकास मंत्रालय को कुलपति के इस्तीफे या जांच की सिफारिश कर जेएनयू प्रशासन की जवाबदेही तय

मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति छात्रों से मिलने और मौजूदा मुद्दों का समाधान ढूंढ़ने के लिए शुक्रवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का दौरा करेगी। इससे पहले आज दिन में, जेएनयू छात्रसंघ के पदाधिकारियों ने यहां शास्त्री भवन में समिति के सदस्यों से मुलाकात की। 

जेएनयू के छात्र हॉस्टल शुल्क बढ़ाने, ड्रेस कोड और आने-जाने का समय निर्धारित करने के प्रावधान वाली हॉस्टल नियमावली के खिलाफ तीन सप्ताह से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘एचआरडी मंत्रालय की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने बुधवार को जेएनयू छात्रों से शास्त्री भवन में सौहार्दपूर्ण बैठक की और छात्रों के विचारों को जाना। मौजूदा मुद्दे का समाधान ढूंढ़ने के लिए वे शुक्रवार को जेएनयू परिसर में छात्रों से फिर मिलने पर सहमत हुए।’’ 

अधिकारी ने कहा, ‘‘समिति ने छात्रों से परिसर में तत्काल सामान्य स्थिति बहाल करने की भी अपील की जिस पर छात्रों ने सकारात्मक जवाब दिया।’’ बैठक सुबह लगभग साढ़े दस बजे शुरू हुई और छात्रसंघ के पदाधिकारी इसमें विभिन्न स्कूलों के छात्र काउंसिलरों के साथ शामिल हुए। 

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) ने हॉस्टल शुल्क वृद्धि को पूरी तरह वापस लेने की मांग की और कहा कि जब तक उच्चाधिकार प्राप्त समिति रिपोर्ट सौंपती है, तब तक शुल्क वृद्धि को निलंबित रखा जाए। 

जेएनयू छात्रसंघ के सचिव सतीश चंद्र यादव ने कहा, ‘‘हमने मांग की कि छात्रसंघ के बिना 28 अक्टूबर को हुई अंतर हॉल प्रशासन समिति की बैठक दोबारा की जाए और हमसे सुझाव लेने के बाद ही हॉस्टल नियमावली को पास किया जाए।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह बिंदु भी उठाया कि कुलपति हमसे नहीं मिल रहे हैं जिसकी वजह से स्थिति इस स्तर तक पहुंची है।’’ 

जेएनयूएसयू ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘हमारी मांग स्वीकार्य वार्ता प्रक्रिया के माध्यम से एक नई नियमावली की है। मौजूदा नियमावली में सकारात्मक कार्रवाई की बात नहीं है और यह हॉस्टल सीटों पर अनुसूचित जाति, जनजाति तथा दिव्यांगता वाले छात्रों को आरक्षण की गारंटी नहीं देती, जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते।’’ 

बयान में कहा गया कि छात्र नियमावली और परिषद् की बैठक में किए गए सभी निर्णयों को पूरी तरह वापस लिए जाने की अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय को कुलपति के इस्तीफे या जांच की सिफारिश कर जेएनयू प्रशासन की जवाबदेही तय करनी चाहिए। 

मंत्रालय की समिति ने विश्वविद्यालयों के हॉस्टल अध्यक्षों से भी मुलाकात की। एचआरडी मंत्रालय ने जेएनयू में सामान्य स्थिति बहाल करने के तरीके सुझाने के लिए सोमवार को तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष वी एस चौहान, एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे और यूजीसी सचिव रजनीश जैन शामिल हैं। 

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