नई दिल्ली : दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अपने आवास पर पार्टी के विधायकों एवं पार्षदों के साथ बैठक आयोजित की। इस बैठक में मुख्य रूप से अक्टूबर में दिल्ली विधानसभा में चुनाव कराने की आशंका को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार की गई। इस रणनीति के तहत विधायकों और पार्षदों को चुनाव के लिए अभी से तैयार रहने के निर्देश दिये गये और उन्हें जनता के पास जाकर अपने काम बताने को कहा गया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार विधायकों और पार्षदों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसी आंशका है कि हरियाणा के साथ ही दिल्ली में भी अक्टूबर में विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं। इसीलिए हमें बिना देरी किए चुनाव तैयारियों में जुट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायक और पार्षद काम तो पहले से कर ही रहे हैं लेकिन अब इस काम की जानकारी जनता को भी दी जानी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि आप हमारे विधायक और पार्षद जनता के पास जाएं। उनकी समस्याएं सुने और उन्हें अपने कामों के बारे में बताएं और उनके काम भी करवाएं।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों और पार्षदों को उनके क्षेत्र में चल रहे कामों को जल्द से जल्द निबटाने के निर्देश दिए ताकि क्षेत्र के लोगों को भी इसका फायदा जल्द मिल सके। इसके साथ ही इससे कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारी में जुटने के लिए भी समय ज्यादा मिलेगा। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि वैसे तो 22 फरवरी से पहले ही चुनाव होने चाहिए, लेकिन अब अक्टूबर में चुनाव की आशंका को देखते हुए विधायक एवं पार्षद अपने काम की जानकारी पार्टी पदाधिकारियों को देंगे ताकि अन्य कार्यकर्ता भी इसकी जानकारी क्षेत्र की जनता को दे सकें। इतना ही नहीं बैठक में शामिल मंत्रियों ने भी अपने विभागों के कामों की जानकारी सीएम के साथ साझा की और बचे हुए कामों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।
चुनावों से पहले योजना हो पाएगी पूरी!
दिल्ली में जल्द विधानसभा चुनावों की आशंका के चलते आप के साथ दिल्ली सरकार ने नई-नई योजनाओं को लागू करने का काम शुरू कर दिया है। ‘बिजली हाफ और पानी माफ’ योजना को सफलतापूर्वक संचालित करने के बाद अब दिल्ली सरकार ने महिलाओं को मेट्रो और डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा कराने की योजना बनाई है। यदि यह योजना सिरे से परवान चढ़ी तो अगले छह माह में महिलाओं को इसका फायदा मिलने लगेगा।
इस माहौल में योजना की घोषणा को आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है, लेकिन चुनावों से पहले यह योजना लागू हो पाएगी या नहीं और यदि लागू हो पाई तो कितनी कामयाब होगी यह समय ही बताएगा, लेकिन विशेषज्ञों की राय में इस योजना का लागू होना इतना आसान नहीं है। पर फिलहाल दिल्ली सरकार ने डीएमआरसी से जल्द प्रस्ताव लाने को कहा है। सरकार ने पूछा है कि वह इस योजना को कैसे लागू करेगी?
मुफ्त पास की व्यवस्था होगी या कोई अन्य विकल्प होगा? अनुमान है कि योजना को लागू करने पर सरकार पर प्रति वर्ष करीब 1200 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 के मद्देनजर अरविंद केजरीवाल का यह मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। केजरीवाल ऐसा ही मास्टर स्ट्रोक निगम चुनावों से पहले भी लगा चुके हैं। उस समय उन्होंने दिल्ली में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लोगों को डीटीसी में रियायती पास देने की घोषणा की थी लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी।