दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र में भाजपा की सरकार पर राज्यों, न्यायाधीशों, किसानों और व्यापारियों समेत सभी से लड़ने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित कॉलेजियम प्रणाली के उच्चतम न्यायालय और केंद्र के बीच टकराव का प्रमुख बिंदु बनने संबंधी एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को दूसरों के काम में दखल नहीं देने की सलाह दी।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्र सरकार सबसे लड़ती क्यों है? न्यायाशीशों से, उच्चतम न्यायालय से, राज्य सरकारों से, किसानों से, व्यापारियों से? सबसे लड़ने से देश की तरक्की नहीं होगी। आप अपना काम करो, दूसरों को उनका काम करने दो। सबके काम में दखल मत दो।’’
केंद्र सरकार सबसे लड़ती क्यों है? जजों से, SC से, राज्य सरकारों से, किसानों से, व्यापारियों से?
सबसे लड़ने से देश की तरक़्क़ी नहीं होगी। आप अपना काम करो, दूसरों को अपना काम करने दो। सबके काम में दखल मत दो। https://t.co/VEqECbu2Si
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 4, 2023
ईडी का दुरुपयोग करने का लगाया आरोप
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) का शासन और अधिकार क्षेत्र संबंधी विभिन्न मसलों को लेकर केंद्र द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल के साथ कई मौकों पर टकराव हो चुका है।केजरीवाल के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और ‘आप’ विधायकों ने पिछले महीने स्कूली अध्यापकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के उनकी सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने में कथित देरी को लेकर राज निवास तक मार्च निकाला था।उन्होंने केंद्र पर ‘‘सरकारों को गिराने और विधायकों को खरीदने के लिए’’ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया था। ईडी ने दिल्ली में कथित आबकारी घोटाले के मामले में हाल ही में आरोप पत्र दाखिल किया था।
GNCTD संशोधन अधिनियम की आलोचना की
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में उपराज्यपाल को अधिक शक्तियां देने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन अधिनियम (जीएनसीटीडी) को भी उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में अभी फैसला नहीं सुनाया है।केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को केंद्र द्वारा 2021 में लाए गए जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम की आलोचना की थी और उम्मीद जताई थी कि न्यायालय इसे असंवैधानिक घोषित करेगा।