नई दिल्ली: जनता को सस्ता खाना देने और पार्टी आलाकमान के आगे नंबर बनाने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेता नियमों को धता बता कर अटल थाली शुरू करने जा रहे हैं। आज से शुरू होने वाली निगम की 10 रुपए में भोजन देने की योजना को शुरू करने के लिए उत्तरी निगम के नेताओं के पास न तो सदन की सहमति है और न ही महापौर की ओर से इस योजना को शरू करने के लिए अग्रिम अप्रूवल दिया गया है।
ऐसे में इस योजना को शुरु करने के तरीके पर विपक्ष की ओर से लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा के कुछ नेता भी स्टैंडिंग कमेटी अध्यक्ष द्वारा किए जा रहे इस कार्य को सही बता रहे हैं, लेकिन काम करने की तरीके को गलत बताने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।
नहीं दी जाएगी सब्सिडी
तिलकराज कटारिया का कहना है कि हमने तो अभी एक पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शालीमार बाग की बीएन मार्केट से 10 रुपए में अटल थाली देने की योजना को अमलीजामा पहनाया है। जोकि केवल स्थानीय सहयोग से पूरा किया जा रहा हैं। इस मॉडल के आधार पर उत्तरी निगम के 104 वार्डों में आगामी 6 महीनों में इसे पूरा करने की योजना है। उनका कहना है कि जब कोई टेंडर हुआ ही नहीं तो किसी ब्लैक या सफेद कम्पनी के द्वारा भोजन बांटने की बात कहां से आ गई। किसी प्रकार के सब्सिडी या गेहूं चावल या मिड डे मील का अंश देने की अनर्गल व बे सिर पैर की बातों का न तो कोई उचित आधार है और न ही कोई ऐसा विचार हैं।
मेयर को नहीं है जानकारी…
थाली शुरू करने की योजना को लेकर मेयर प्रीति अग्रवाल का कहना है कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। मेयर प्रीति अग्रवाल ने सस्ती थाली शुरु करने की योजना को लेकर अग्रिम अप्रूवल नहीं दिया था, जिसके पीछे उन्होंने पारदर्शिता की वजह बताई थी। बहरहाल, आज योजना शुरू होनी है और खबर लिखे जाने तक मेयर प्रीति अग्रवाल के पास इस बात की जानकारी नहीं थी।
निगम नेताओं में तालमेल की कमी…
वहीं दूसरी ओर स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन तिलकराज कटारिया ने इस योजना के शुभारंभ को यादगार बनाने के लिए तमाम तैयारियां शुरु कर दी हैं। तिलकराज कटारिया का कहना है कि प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने के लिए दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने निगम घोषणा पत्र में 10 रुपए की थाली देने की बात की थी। तिलक राज कटारिया का कहना है उन्होंने अपने नेताओं के वचनों को स्थाई समिति अध्यक्ष बनने के मात्र 3 महिनो में ही मूर्त रूप दे दिया और व भी निगम का एक पैसा खर्च किए बिना।
हाईकोर्ट की एसडीएमसी को फटकार
पृथ्वीराज चौहान द्वारा 11वीं सदी में बनाए गए लाल कोट के अतिक्रमण को लेकर नाखुश दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर कई याचिका दाखिल किए जाने बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर दक्षिण दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की एक खंडपीठ ने निगम से पूछा कि अदालत को ऐसा क्यों नहीं मानना चाहिए कि दक्षिण दिल्ली के महरौली में स्थित विरासत स्थल के अतिक्रमण में नगर निगम के अधिकारियों और बिल्डर के बीच मौन सहमति है।
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– सज्जन चौधरी