नई दिल्ली : राजधानी में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी बदलाव हुआ है। यह कहना है उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का। हार्वर्ड विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों और शिक्षाविदों को एक सम्मेलन में संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि भारत ने आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे कई सार्वजनिक संस्थानों का निर्माण किया है, लेकिन केवल पांच फीसदी लोगों की ही पहुंच में है। 95 फीसदी लोगों सुविधाएं नहीं मिल पाती। लोगों की क्षमता उनके शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के उपयोग पर निर्भर करती है। इसके लिए दिल्ली एक मॉडल साबित हो सकती है। उन्होंने दिल्ली के पुराने स्कूलों और वर्तमान स्कूलों की तस्वीरों को दिखाते हुए कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे में काफी सुधार किया।
बच्चों के लिए स्मार्ट कक्षाएं, स्वच्छ और आधुनिक वॉशरूम, वातानुकूलित हॉल सहित अन्य सुविधाएं दी। आने वाले दिनों में सुविधाएं और बढ़ेगी। इसके अलावा शिक्षकों को भी आधुनिक ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं स्वास्थ्य क्षेत्र के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत के लोग उच्च बीमा प्रीमियम को नहीं भर सकते। हमें सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की जरूरत है। पहले पांच करोड़ रुपये में प्राथमिक केंद्र बनते थे लेकिन आप सरकार ने 20 लाख में ही मोहल्ला क्लीनिक बनाकर बेहतर सुविधाएं दी हैं। इसके अलावा सरकार अन्य बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दे रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मॉडल को देश में भी लागू किया जा सकता है।
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