नई दिल्ली : दिल्ली में कांग्रेस की हार की समीक्षा के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय टीम कांग्रेस के ही नेताओं के गले नहीं उतर रही है। प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने खुलकर प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित द्वारा बनाई की इस कमेटी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीसी चाको का कहना है कि इस तरह की कमेटी का कोई औचित्य नहीं है, न ही इस कमेटी का कोई मतलब है। अगर प्रदेश अध्यक्ष को कोई कमेटी बनानी थी तो पहले उन्हें मेरे पास प्रपोजल भेजना होता है, उसके बाद ही इस तरह की कमेटी का गठन किया जा सकता है। लेकिन यहां पर प्रदेश अध्यक्ष ने किसी तरह की बात नहीं की है।
शीला दीक्षित और पीसी चाको के बीच इस कमेटी को लेकर जिस तरह की बातें सामने आई हैं उससे साफ है कि लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखने के बाद भी पार्टी के भीतर विवाद बरकरार है। भले ही दोनों के बीच का यह मामला अभी सतह पर नहीं आया लेकिन शीला दीक्षित द्वारा गठित कमेटी को लेकर पार्टी के भीतर विवाद गहरा गया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली की सभी सातों सीटों पर हार के बाद समीक्षा के लिए दो दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित ने पांच सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया है।
यह कमेटी इस बात का पता लगाएगी कि हार के पीछे क्या कारण रहे, साथ ही अपनी रिपोर्ट में यह भी पता लगाएगी कि जिस तरह की हार हुई है, उसमें कहीं पार्टी के नेताओं का ही तो हाथ नहीं था? फिलहाल यह कमेटी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में चर्चा का विषय है। मंगलवार को इस कमेटी की एक बैठक भी हो चुकी है। बुधवार को इस कमेटी ने सभी सातों सीटों के प्रत्याशियों को मीटिंग के लिए बुलाया है। प्रदेश कार्यालय में होने वाली यह बैठक 11 बजे शुरू होगी। सभी प्रत्याशियों को अपनी बात कहने के लिए आधा-आधा घंटा दिया जाएगा। इस बैठक में सभी 14 जिलाध्यक्षों को भी बुलाया गया है।
दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में एक-दो प्रत्याशी को छोड़कर अन्य के आने की संभावना नहीं है। पहले से ही प्रत्याशियों के न पहुंचने की खबर कमेटी के सदस्यों तक भी पहुंच गई हैं। अब देखना है कि प्रत्याशी खुद पहुंचते हैं या फिर उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी अन्य को भेज कर काम चलाया जाएगा। या दोनों ही नहीं होंगे?
– सुरेंद्र पंडित