नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता, वाइस चेयरमैन एनडीएमसी एवं पूर्व विधायक करण सिंह तंवर 18 वर्षों से लगातार केवल दो सप्लायर्स को ही बिना टेंडर किये मिड-डे-मिल का ठेका देने में हुए घोटाले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। इसके अलावा तंवर ने एनडीएमसी के लगभग 150 स्कूलों में बच्चों तो दिए जा रहे मिड-डे मील में हर साल करीब 2.70 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का भी पर्दाफाश किया है। मिड-डे-मील के घटिया खाने की शिकायत एनडीएमसी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों द्वारा लगातार की जा रही है।
तंवर ने आरोप लगाया कि मिड-डे मील के लिए दो सप्लायर्स इस्काॅन रिलीफ फाउंडेशन व मनजीत कैटर्स को ही ठेका दिया जा रहा है। जबकि खाने की क्वालिटी अच्छी नहीं है। इसकी शिकायत लगातार मिल रही है। तंवर ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि एनडीएमसी स्कूलों के कक्षा-प्रथम से बारहवीं तक के बच्चों को वर्ष 2001 से मुफ्त में मिड-डे-मिल देने की योजना प्रारंभ की गई थी तभी यानी लगभग 18 वर्षों से आज तक इन दोनों सप्लायर्स- इस्काॅन फाउंडेशन व मनजीत कैटर्स को बिना टेंडर ही केवल नामांकन आधार पर ठेका दिया जाता रहा, जिसमें एनडीएमसी अधिकारियों द्वारा लाखों रुपये का गोलमाल किया जा रहा था।
अब फिर एनडीएमसी अधिकारियों ने पुनः इन दोनों सप्लायर्स को पूर्व की भांति बिना टेंडर किए ठेका देने का प्रस्ताव रखा है, जो कि पूरी तरह नियम के विरुद्व है तथा केन्द्रीय सतर्कता आायोग के दिशा निर्देशों के मुताबिक नामांकन आधार पर ठेका नहीं दिया जा सकता। पारदर्शिता के लिये ओपन ग्लोबल टेंडर होने चाहिये। जिससे एनडीएमसी को घाटा न हो, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे और बच्चों को दिये जाने वाले खाने की क्वालिटी भी उच्चस्तरीय हो। उन्होंने मिड-डे-मिल योजना को सिर्फ इन दोनों सप्लायर्स को बिना टेंडर सौंपने पर गृहमंत्री माननीय राजनाथ सिंह से इस सारे मामले की उच्चस्तरीय जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
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