बहुजन समाज पार्टी ने दिल्ली विधान सभा चुनावों के लिए स्पेशल प्लान तैयार किया हैं, पिछले तीन विधानसभा चुनावों में बसपा खाता भी नहीं खोल पाई जबकि 2008 में 14 % वोट के साथ दो सीटों को जीतने में कामयाब हुई थी। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा भी कमर कस चुकी है,आकाश आनंद की अगवाई में 5 जनवरी को कोंडली से बसपा चुनाव अभियान शुरू करेंगी। बसपा हालि में हुए उत्तर प्रदेश उपचुनावों में 10 सीटों में से एक भी सीट हाशिल नहीं कर पाई।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक रणनीति तैयार की है, जिसमें कैडर को एक्टिव करने और टिकट बंटवारे पर फोकस किया गया है। बसपा की दिल्ली इकाई जगह-जगह कैडर कैंप, कार्यकर्ता सम्मेलन और बैठकों का आयोजन करेगी ताकि दलित और बहुजन समाज को पार्टी के साथ जोड़ा जा सके।
मायावती का स्पष्ट निर्देश है कि दिल्ली के दलित और बहुजन समाज को बसपा के साथ लाने का प्रयास किया जाए। दिल्ली में दलित समाज की आबादी करीब 20 फीसदी हैं और 12 सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं। बसपा की चुनाव रणनीति में डोर-टू-डोर जनसंपर्क पर फोकस की बात है, जिसमें पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता दिल्ली की दलित बस्तियों और कॉलोनियों में घर-घर जाकर बसपा की नीतियों के बारे में बताएंगे।