विधेयक पारित होना चाहिए, इसमें कुछ भी गलत नहीं, दिल्ली अध्यादेश पर बोले कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित - Punjab Kesari
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विधेयक पारित होना चाहिए, इसमें कुछ भी गलत नहीं, दिल्ली अध्यादेश पर बोले कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित

कांग्रेस नेता और दिल्ली के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने दिल्ली सरकार की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के

कांग्रेस नेता और दिल्ली के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने दिल्ली सरकार की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार के अध्यादेश का समर्थन करते हुए कहा कि यह विधेयक संवैधानिक स्थिति के अनुरूप है। 
संदीप दीक्षित ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अच्छी तरह से जानते हैं कि अगर उन्हें सतर्कता विभाग का नियंत्रण नहीं मिला, तो उसे कम से कम आठ से दस साल के लिए जेल भेजा दिया जाएगा। लोकसभा में उनके पास बहुमत है इसलिए भाजपा को इस विधेयक को निचले सदन में पारित कराने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। दिल्ली की संवैधानिक स्थिति के अनुसार, इस बिल को पारित किया जाना चाहिए, इस बिल में कुछ भी गलत नहीं है।
दिल्ली को अधिकार देना चाहते हैं तो इसे पूर्ण राज्य बनाएं
कांग्रेस नेता ने कहा, अरविंद केजरीवाल ने बिल की गलत व्याख्या की है और उन्होंने इंडिया गठबंधन की भी गलत व्याख्या की है। इसलिए अगर वे इसका विरोध करने पर अड़े हैं तो मैं क्या कर सकता हूं? अगर विपक्षी गठबंधन चाहते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी को शक्तियां मिलें तो उन्हें दिल्ली को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए संसद में एक विधेयक लाना चाहिए। यदि आप वास्तव में दिल्ली को अधिकार देना चाहते हैं तो इसे पूर्ण राज्य बनाएं।  गठबंधन उस विधेयक को सदन में क्यों नहीं लाता? संविधान के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश के पास इतनी ही शक्तियां हैं। अध्यादेश केवल उन शक्तियों को दिल्ली की संरचना के अनुसार विभाजित कर रहा है।  
केजरीवाल पूरे देश को बेवकूफ बना रहे हैं-कांग्रेस 
इसके अलावा, कांग्रेस नेता ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को “मूर्ख” बनाया है। जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को बेवकूफ बनाया है, उसी तरह अब वह गठबंधन के सदस्यों और पूरे देश को बेवकूफ बना रहे हैं। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस मई में दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले और पोस्टिंग पर अध्यादेश लेकर आई थी, जिसने दिल्ली में निर्वाचित सरकार को सेवाओं पर नियंत्रण देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को वस्तुतः नकार दिया था।

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।