‘भारत बंद’ पर दिल्ली में मार्च - Punjab Kesari
Girl in a jacket

‘भारत बंद’ पर दिल्ली में मार्च

NULL

नई दिल्ली : एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों द्वारा घोषित भारत बंद के तहत सोमवार को दिल्ली में भी विरोध-प्रदर्शन किया गया। इसके तहत ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ एससी, एसटी ऑर्गेनाइजेशन के तत्वावधान में मंडी हाउस से एक पैदल मार्च निकाला गया जिसमें दिल्ली सहित देश के कई संगठनों ने हिस्सा लिया। बाराखंभा और जंतर-मंतर होते हुए यह पैदल संसद मार्ग पहुंचा। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा जिसमें दलितों से जुड़े इस एक्ट को कमजोर न करने की मांग की गई। इसमें दलित समाज के युवाओं, महिलाओं और बुजर्गों ने हिस्सा लिया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

इस दौरान मार्च में शामिल लोगों की पुलिस से भी कई जगह झड़प हुई। प्रदर्शन में दिल्ली सरकार के मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम सहित आप विधायक विशेष रवि, मनोज कुमार और पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। मार्च की अगुवाई कर रहे दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा कि 1989 में जनता के दबाव में केन्द्र सरकार ने एससी, एसटी एट्रोसिटी एक्ट बनाया। एक्ट तो बना लेकिन इसके लागू करने में बड़ी दिक्कतें आयीं। देखने में आया कि हमारे लोगों के मामले पुलिस ने दर्ज नहीं किये। अगर केस दर्ज भी हो गये तो हमारे लोगों पर डरा-धमकाकर केस वापस लेने का दवाब बनाया गया। गवाह को तोड़ लिया जाता था। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के अनुसार पीड़ितों के लिए सरकार को स्पेशल पब्लिक प्रोस्क्यूटर‌िनयुक्त करना चाहिए लेकिन ऐसा नही हुआ।

2016 में इस एक्ट में नया संशोधन लाया गया कि जिस अधिकारी को यह केस दिया गया। यदि वह कार्रवाई नहीं करता तो उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए। इससे संबंधित मामलों की जांच एक सप्ताह के भीतर होनी चाहिए। इसके रिकॉर्ड भी डेली डायरी में दर्ज होने चाहिए। उन्होंने कहा यदि एक तरीके से देखा जाए तो जिन अधिकारियों को इस कानून को सही तरीके से लागू करना चाहिए, वही अधिकारी इस कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बैंच की जजमेंट को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बैंच ने ओवर रूल कर रही है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र की भाजपा सरकार इस कानून को कमजोर करने का काम कर रही है। उना और सहारनपुर की घटना इस बात का प्रमाण हैं। इस प्रदर्शन में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।

अधिक जानकारियों के लिए यहाँ क्लिक करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।