भेष बदलकर गया हांगकांग और ले ली नागरिकता, वापसी पर धरा गया - Punjab Kesari
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भेष बदलकर गया हांगकांग और ले ली नागरिकता, वापसी पर धरा गया

दिल्ली एयरपोर्ट पर 32 साल के जयेश पटेल का 81 साल का बुजुर्ग बनकर विदेश जाने की फिराक

दक्षिणी दिल्ली : दिल्ली एयरपोर्ट पर 32 साल के जयेश पटेल का 81 साल का बुजुर्ग बनकर विदेश जाने की फिराक में पकड़े जाने के बाद मामले में तमाम नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं। इसी बीच एयरपोर्ट पर उससे भी शातिर एक 68 साल का बुजुर्ग पकड़ा गया है, जिसने 89 साल का बुजुर्ग बनकर फर्जी पासपोर्ट के सहारे हांगकांग घूमकर वापस लौटा था। तमाम एजेंसियों की आंखों में धूल झोंककर विदेश घूम आए उक्त शख्स को आईजीआई एयरपोर्ट के इमीग्रेशन के काउंटर पर पकड़ लिया गया। 
भेष बदलकर विदेश जाने और विदेश जाने की कोशिश करने के लगातार दो मामले सामने आने के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त संजय भाटिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि घटना गुरुवार की है, जब आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर इमीग्रेशन काउंटर नंबर-10 पर इमीग्रेशन अधिकारी अपनी ड्यूटी पर मौजूद थे। जहां हांगकांग से दिल्ली पहुंचा एक शख्स इमीग्रेशन क्लीयरेंस के लिए पहुंचा। उसने जो पासपोर्ट दिखाया, जिसका नंबर पी0311032 और जो पंजाब के मोगा निवासी करनैल सिंह के नाम पर बना हुआ था।
नहीं देखा था 89 साल का ऐसा बुजुर्ग…
इमीग्रेशन काउंटर पर मौजूद अधिकारी के मुताबिक पासपोर्ट में बताई गई उम्र और सामने खड़े शख्स की उम्र में जमीन और आसमान का फर्क दिख रहा था। लिहाजा शक होना भी लाजमी था। पासपोर्ट में उसकी जन्मतिथि 20 अक्टूबर 1930 बताई गई थी, लेकिन देखने से उक्त शख्स 89 साल का बुजुर्ग नहीं लग रहा था। तत्काल उक्त शख्स को रोक लिया गया और उससे पूछताछ शुरू की गई। 
जिसमें उक्त शख्स ने सच्चाई का खुलासा करते हुए बताया कि उसका असली नाम गुरदीप सिंह है, उसका असली पासपोर्ट नंबर जी002502, जिसमें उसका असली जन्मतिथि 16 मार्च 1951 लिखा था, जिसके मुताबिक उसका असली उम्र 68 साल है।
फर्जी पासपोर्ट पर मिली हांगकांग की नागरिकता…
पूछताछ में आरोपी गुरदीप सिंह ने बताया कि फर्जी पासपोर्ट पर करनैल सिंह बनाकर वह पिछले साल 2 अगस्त को हांगकांग गया था। हांगकांग में अपने प्रवास के दौरान उसने अपने फर्जी पासपोर्ट पर ही हांगकांग की नागरिकता भी ले ली। बताया जाता है कि ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को हांगकांग में नागरिकता मिलने में आसानी होती है। 
उसने बताया कि फर्जी पासपोर्ट उसने 2006 में एक एजेंट की मदद से बनवाई थी। जिसके बाद से वह कई बार हांगकांग की यात्रा कर चुका है। इस खुलासे के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस के सामने सवाल… एयरपोर्ट पर एक के बाद एक वेश बदलकर विदेश जाने के दो मामले सामने आने से प्रशासन के काने खड़े हो गए हैं। फर्जी पासपोर्ट बनाने का रैकेट देश में जोरों पर चल रहा है, लेकिन प्रशासन को कानों कान खबर तक नहीं? 
फर्जी पासपोर्ट बनाने के खेल में पुलिस के साथ ही अन्य एजेंसियों की संलिप्तता उजागर हुई है, जिसके बाद यह पता लगाया जा रहा है कि फर्जी पासपोर्ट के साथ देश और विदेश में कितने लोग घूम रहे हैं? इस पूरे रैकेट में कुछ बड़े अधिकारियों के नाम भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस पूरे मामले की बारीकी से छानबीन कर रही है।

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