अटल जी नहीं रहे, लेकिन उनकी बात प्रासंगिक बनी रही - Punjab Kesari
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अटल जी नहीं रहे, लेकिन उनकी बात प्रासंगिक बनी रही

बेशक 23 मई के दिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हमारे बीच नहीं थे, लेकिन उनकी भविष्यवाणी सटीक

नई दिल्ली : बेशक 23 मई के दिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हमारे बीच नहीं थे, लेकिन उनकी भविष्यवाणी सटीक साबित हो गई। वर्ष 1997 में जब विपक्ष भाजपा नेतृत्व वाली सरकार को गिराने की कोशिश कर रहा था, उस समय अटल जी ने संसद में कहा था कि, ‘मेरी बात को गांठ बांध लें, आज हमारे कम सदस्य होने पर कांग्रेस हंस रही है, लेकिन वो दिन आएगा जब पूरे भारत में हमारी सरकार होगी। उस दिन देश आप पर हंसेगा और आपका मजाक उड़ाएगा।’ 
2014 के बाद 2019 में देश की जनता द्वारा दोबारा सुनाया गया जनादेश रह-रहकर अटलजी के उस वाक्य की याद दिला गया। प्रखर वक्ता के साथ-साथ उनकी दूरदर्शिता न केवल उनके जीवनकाल में, बल्कि उनके परलोक गमन के बाद भी अपना लोहा आज भी मनवा रही है। इसी तरह 1980 में जब भाजपा का पहला अधिवेशन हो रहा था, तब अटल जी ने कहा था कि, ‘भारत के पश्चिमी घाट को मंडित करने वाले महासागर के किनारे खड़े होकर मैं यह भविष्यवाणी करने का साहस करता हूं अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा कमल खिलेगा।’
उनकी यह भविष्यवाणी भी सच हुई थी और 1996 में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। वो बात दूसरी रही कि अटलजी विश्वासमत हासिल नहीं कर पाए थे, लेकिन उसके बाद हुए आम चुनाव में भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रही थी। यही कारण है कि जब कभी वे संसद या सार्वजनिक मंच पर बोलते थे तो विपक्ष भी उनका मुरीद हो जाता था और लोग मेज थपथपाने से पीछे नहीं रहते थे। 
इसी तरह उन्होंने एक बार संसद में यह भी कहा था कि सरकारें आएंगी, जाएंगी। राजनीतिक दल आएंगे जाएंगे, मगर यह लोकतंत्र जिंदा रहना चाहिए। उनके ये विचार आज भी पार्टी और लोगों के बीच प्रासंगिक हैं। खास बात यह है कि इस बार भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने ‘अजेय भारत, अटल भाजपा’ का नारा दिया जो कि प्रभावशाली सिद्ध हुआ।
– राहुल शर्मा

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