'कथनी और करनी में फर्क', शराब नीति को लेकर अन्ना हजारे की केजरीवाल को चिठ्ठी - Punjab Kesari
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‘कथनी और करनी में फर्क’, शराब नीति को लेकर अन्ना हजारे की केजरीवाल को चिठ्ठी

दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। इसमें

दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने शराब नीति को लेकर केजरीवाल को फटकार लगाई है। अन्ना हजारे ने कहा कि आपकी कथनी और करनी में फर्क है। क्योंकि आपकी सरकार ने लोगों के जीवन को बर्बाद करनेवाली, महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई है।
अन्ना हजारे ने अपनी चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल को संबोधित करते हुए लिखा, ‘आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मैं आपको खत लिख रहा हूं। पिछले कई दिनों से दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर जो खबरें आ रही हैं, उन्हें पढ़कर दुख होता है।’ 
राजनीतिक पार्टी बनाना नहीं था हमारे आंदोलन का उद्देश्य
अन्ना ने अपने पत्र में लिखा कि जब 10 साल पहले 18 सितंबर 2012 को दिल्ली में टीम अन्ना के सदस्यों की मीटिंग हुई थी, उस वक्त आप ने राजनीतिक रास्ता अपनाने की बात रखी थी। लेकिन आप भूल गए कि राजनीतिक पार्टी बनाना यह हमारे आंदोलन का उद्देश्य नहीं था।
उस वक्त टीम अन्ना के बारे में जनता के मन में विश्वास पैदा हुआ था। इसलिए उस वक्त मेरी सोच थी कि टीम अन्ना देशभर में घूमकर लोकशिक्षण, लोकजागृति का काम करना जरूरी था। अगर इस दिशा में काम होता तो कही पर भी शराब की ऐसी गलत नीति नहीं बनती।
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अन्ना हजारे ने कहा कि किसी भी दल की सरकार हो, उस पर दबाव के लिए समान विचारधारा वाले लोगों का एक प्रेशर ग्रुप होना जरूरी था। यदि ऐसा होता तो देश की स्थिति आज अलग होती और गरीब लोगों को फायदा मिलता।लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया। उसके बाद आप, मनीष सिसोदिया और आपके अन्य साथियों ने मिलकर पार्टी बनाई।
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CM बनने के बाद भूल गए लोकपाल और लोकायुक्त कानून
अन्ना ने कहा, भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए जो ऐतिहासिक और लोकायुक्त आंदोलन हुआ। उसमें लाखों की संख्या में लोग आए। उस वक्त आपने लोकायुक्त की जरूरत के बारे में मंच से बड़े बड़े भाषण दिए। आदर्श राजनीति और व्यवस्था के बारे में विचार रखते थे। लेकिन दिल्ली के सीएम बनने के बाद आप लोकपाल और लोकायुक्त कानून को भूल गए। आपकी सरकार ने लोगों का जीवन बर्बाद करने वाली, महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई। इससे स्पष्ट होता है कि आपकी कथनी और करनी में फर्क है।
…भूल गए आदर्श विचारधारा
अन्ना हजारे ने कहा कि महात्मा गांधी के ‘गांव की ओर चलो’ के विचार से प्रेरित होकर मैंने अपनी जिंदगी गांव, समाज और देश के लिए समर्पित की है। पिछले 47 सालों से ग्राम विकास के लिए काम कर रहा हूं और भ्रष्टाचार के विरोध में आंदोलन कर रहा हूं। 
केजरीवाल को पुराने दिन याद दिलाते हुए हजारे ने कहा कि आप हमारे गांव रालेगण सिद्धि आ चुके हैं। यहां आपने शराब, बीड़ी, सिगरेट आदि पर रोक की प्रशंसा की थी। राजनीति में आने से पहले आपने ‘स्वराज’ नाम से एक किताब लिखी थी। इस पुस्तक में आपने ग्रामसभा, शराब नीति के बारे में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं। तब आपसे बहुत उम्मीद थी, लेकिन राजनीति में जाकर मुख्यमंत्री बनने के बाद आप आदर्श विचारधारा को भूल गए हैं। 

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