नई दिल्ली : अपमान की अग्नि में जल रहे गांधी नगर से आप विधायक अनिल वाजपेयी की बैचेनी की खबर भाजपा में सबको थी। लेकिन कोई हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कि कैसे बात बने। विधायक अनिल वाजपेयी, केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल के पुराने जानकार हैं। बस यहां से शुरु हुआ सिलसिला संगठन मंत्री सिद्धार्थन फिर प्रभारी श्याम जाजू तक जा पहुंचा। तीन पार्षदों ने विधायक की जाजू से मुलाकात कराकर उनकी भाजपा में एंट्री की पूरी पटकथा लिख दी।
इस पूरी पटकथा में अनिल वाजपेयी के सारथी की भूमिका अदा की रघुबरपुरा से आप प्रत्याशी गौरव शर्मा ने। वह विधायक के हर फैसले में उनके साथ खड़े रहे। भाजपा नेताओं से हुई हर मीटिंग में भी वह विधायक के साथ थे। सूत्रों के मुताबिक अनिल वाजपेयी पहले आरडब्लूए फेडरेशन में रहने की वजह से केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल से पहले से परिचित थे। विधायक ने सीधे विजय गोयल से बात की और पहुंच गए 10 अशोक रोड स्थित उनके घर।
सूत्रों के मुताबिक दोनों की लंबी बात चली। केवल वाजपेयी को लेकर ही नहीं बल्कि आप के अन्य नाराज विधायकों के बारे में भी चर्चा हुई। दोनों के बीच दो-तीन दिन में तीन-चार मीटिंग हुई। इस बीच विधायक वाजपेयी ने संगठन मंत्री सिद्धार्थन से मुलाकात की। दोनों के बीच बातचीत हुई। इसमें सिद्धार्थन ने उन्हें समझाया कि पार्टी में किसी तरह की शर्त के साथ ना आएं। भाजपा में आने वाले सभी लोगों का पूरा ध्यान रखा जाता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह संगठन में शीर्ष स्तर पर चर्चा करेंगे।
इस बीच विधायक के भाजपा में जाने की अफवाह पर पूर्वी निगम के तीन पार्षद भी सक्रिय हो गए। इन तीनों ने विधायक को प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू से मिलने के राजी कर लिया। दो पार्षद विधायक को लेकर जाजू के घर पहुंच गए। यहां भी इनकी लंबी मीटिंग हुई। इसके बाद तय हुआ कि शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल के सामने विधायक को भाजपा में शामिल करा लिया जाएगा। आप विधायक के माध्यम से केजरीवाल पर अटैक करने में भाजपा को ज्यादा फायदा होगा।
– सतेन्द्र त्रिपाठी