लोकसभा चुनाव को कुछ महीने बचे है इसलिए विपक्ष अभी से ही चुनाव को लेकर तैयारियां कर रहा है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तो दिल्ली की सात सीटों को लेकर अभी से गठबंधन करने की तैयारी कर रही है। इस बीच कांग्रेस ने दिल्ली के नेताओं के साथ बैठक की है इस बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे भी मौजूद थे और दिल्ली के कई बड़े नेता भी मौजूद थे ।
कांग्रेस सातों सीटों पर अकेले चुनाव लडे़गी
इस मीटिंग में ये बात सामने आई है की कांग्रेस दिल्ली की सभी सातों सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके बाद से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है।क्योंकी आम आदमी पार्टा पहले से ही कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रही है लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस अकेले ही दिल्ली की सातों सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
दोनों पार्टी में ‘I-N-D-I-A’ के लेकर बढी टेंशन
दोनों पार्टीयों के बीच चल रही गठबंधन की लड़ाई से अब ‘I-N-D-I-A’ की टेंशन बढती जा रही है। क्योंकी एसा माना जा रहा है की अगर अरविंद केजरीवाल के साथ कांग्रेस गठबंधन नहीं करती है तो वो खुद को ‘I-N-D-I-A से अलग कर सकते है जब पटना में विपक्ष की बैठक हुई थी तब भी कांग्रेस ने अध्यादेश बिल पर सहमति नहीं दी थी इसलिए केजरीवाल बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
केजरीवाल इंडिया के मीटिंग में नहीं होंगे शामिल ?
इस बार भी यही माना जा रहा है की I-N-D-I-A की बैठक में केजरीवाल शामिल नहीं होंगे। एसा हुआ तो I-N-D-I-A गठबंधन धीरे धीरे कमजोर हो जाएगा । दिल्ली में आम आदमी पार्टी अलग हो जाएगी इसी तरह यूपी में अखिलेश और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ अगर कांग्रेस की फायदे वाली सहमति नहीं बनी तो ये दल भी केजरीवाल की तरह इंडिया गठबंधन से खुद को अलग कर लेंगे।इसके बाद कांग्रेस को तीसरे नंबर की पार्टी बनकर चुनाव लड़ना पड़ेगा।
दिल्ली में कांग्रेस की हुई थी बैठकक
दिल्ली में हुई कांग्रेस AICC की बैठक के बाद अलंका लांबा ने कहा था कि तीन घंटे तक चली बैठक में राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया मौजूद थे। संगठन को मजबूत करने, आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी करने पर बात हुई।
सातों सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगे – अलका
उन्होंने कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की बात करते हुए कहा 7 महीने और 7 सीटें हैं। सभी सीटों पर हर नेता को आज से अभी से निकलना है। संगठन की तरफ से जिसको जो भी जिम्मेदारी दी जा रही है वो ठीक तरह से काम करेगा हालांकी उनके बयान का कांग्रेस ने खुद खंडन किया ।
अलका के बयान का खंडन
उनके बयान को लेकर दीपक बाबरिया ने कहा, ‘अलका लांबा एक प्रवक्ता हैं, लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करने के लिए वह अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं। मैं उनकी बातों का खंडन करता हूं।
कांग्रेस और आप पार्टी के रिश्ते रहे है खराब
इसके साथ ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के रिश्तों की बात करें तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की दोस्ती कभी ज्यादा दिनों तक नहीं चली । कांग्रेस एक देश की सबसे पुरानी पार्टी है और एक देश की सबसे नई पार्टी आम आदमी है।
कांग्रेस का 49 दिन में टूटा था गठबंधन
लेकिन जब पहली बार दोनों ने मिलकर दिल्ली में सरकार बनाई थी तो, 49 दिन बाद ही ये गठबंधन टूट गया था । इसके बाद दिल्ली में अगले चुनावों में AAP ने कांग्रेस का सूफड़ा-साफ ही कर दिया था। बाद में AAP ने पंजाब भी कांग्रेस के हाथों से छीन लिया था। आम आदमी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ी थी । अब देखने वाली बात होगी की दिल्ली की सात लोकसभा सीट को लेकर केजरीवाल बीजेपी को टक्कर दे पाते है या नहीं। केजरीवाल की कोशिश है की अब दिल्ली की लोकसभा सीटों पर भी अपना परचम लहराये।
कांग्रेस सातों सीटों पर अकेले चुनाव लडे़गी
इस मीटिंग में ये बात सामने आई है की कांग्रेस दिल्ली की सभी सातों सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके बाद से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है।क्योंकी आम आदमी पार्टा पहले से ही कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रही है लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस अकेले ही दिल्ली की सातों सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
दोनों पार्टी में ‘I-N-D-I-A’ के लेकर बढी टेंशन
दोनों पार्टीयों के बीच चल रही गठबंधन की लड़ाई से अब ‘I-N-D-I-A’ की टेंशन बढती जा रही है। क्योंकी एसा माना जा रहा है की अगर अरविंद केजरीवाल के साथ कांग्रेस गठबंधन नहीं करती है तो वो खुद को ‘I-N-D-I-A से अलग कर सकते है जब पटना में विपक्ष की बैठक हुई थी तब भी कांग्रेस ने अध्यादेश बिल पर सहमति नहीं दी थी इसलिए केजरीवाल बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
केजरीवाल इंडिया के मीटिंग में नहीं होंगे शामिल ?
इस बार भी यही माना जा रहा है की I-N-D-I-A की बैठक में केजरीवाल शामिल नहीं होंगे। एसा हुआ तो I-N-D-I-A गठबंधन धीरे धीरे कमजोर हो जाएगा । दिल्ली में आम आदमी पार्टी अलग हो जाएगी इसी तरह यूपी में अखिलेश और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ अगर कांग्रेस की फायदे वाली सहमति नहीं बनी तो ये दल भी केजरीवाल की तरह इंडिया गठबंधन से खुद को अलग कर लेंगे।इसके बाद कांग्रेस को तीसरे नंबर की पार्टी बनकर चुनाव लड़ना पड़ेगा।
दिल्ली में कांग्रेस की हुई थी बैठकक
दिल्ली में हुई कांग्रेस AICC की बैठक के बाद अलंका लांबा ने कहा था कि तीन घंटे तक चली बैठक में राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया मौजूद थे। संगठन को मजबूत करने, आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी करने पर बात हुई।
सातों सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगे – अलका
उन्होंने कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की बात करते हुए कहा 7 महीने और 7 सीटें हैं। सभी सीटों पर हर नेता को आज से अभी से निकलना है। संगठन की तरफ से जिसको जो भी जिम्मेदारी दी जा रही है वो ठीक तरह से काम करेगा हालांकी उनके बयान का कांग्रेस ने खुद खंडन किया ।
अलका के बयान का खंडन
उनके बयान को लेकर दीपक बाबरिया ने कहा, ‘अलका लांबा एक प्रवक्ता हैं, लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करने के लिए वह अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं। मैं उनकी बातों का खंडन करता हूं।
कांग्रेस और आप पार्टी के रिश्ते रहे है खराब
इसके साथ ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के रिश्तों की बात करें तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की दोस्ती कभी ज्यादा दिनों तक नहीं चली । कांग्रेस एक देश की सबसे पुरानी पार्टी है और एक देश की सबसे नई पार्टी आम आदमी है।
कांग्रेस का 49 दिन में टूटा था गठबंधन
लेकिन जब पहली बार दोनों ने मिलकर दिल्ली में सरकार बनाई थी तो, 49 दिन बाद ही ये गठबंधन टूट गया था । इसके बाद दिल्ली में अगले चुनावों में AAP ने कांग्रेस का सूफड़ा-साफ ही कर दिया था। बाद में AAP ने पंजाब भी कांग्रेस के हाथों से छीन लिया था। आम आदमी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ी थी । अब देखने वाली बात होगी की दिल्ली की सात लोकसभा सीट को लेकर केजरीवाल बीजेपी को टक्कर दे पाते है या नहीं। केजरीवाल की कोशिश है की अब दिल्ली की लोकसभा सीटों पर भी अपना परचम लहराये।