Air Pollution : दिल्ली-NCR में आज भी कोई राहत नहीं, वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज - Punjab Kesari
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Air pollution : दिल्ली-NCR में आज भी कोई राहत नहीं, वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बुधवार को वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही और इसके

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बुधवार को वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही और इसके रविवार तक बेहतर होने की कोई संभावना नहीं है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान इस मौसम के सामान्य तापमान से तीन डिग्री कम 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 27 डिग्री रहने की संभावना है।
नोएडा में  वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही
शहर में मंगलवार को सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 389 था, जो मंगलवार की शाम चार बजे 403 हो गया था और वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई थी। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई), फरीदाबाद में 350, गाजियाबाद में 368, ग्रेटर नोएडा में 358, गुरुग्राम में 354 और नोएडा में 369 रहा और वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही।
एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। आईएमडी के विवेक सोनी ने मंगलवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को बताया था कि बुधवार से रविवार के बीच कम तापमान और धीमी वायु स्थिति के कारण ‘लोअर वेंटिलेशन इंडेक्स’ का अनुमान लगाया गया है, जो प्रदूषकों के फैलाव के लिए प्रतिकूल है।
‘‘अपेक्षाकृत तेज हवा’’ चलने से वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार आ सकता है
उन्होंने कहा कि रविवार को ‘‘अपेक्षाकृत तेज हवा’’ चलने से वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार आ सकता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र ‘सफर’ ने बताया कि बुधवार तथा बृहस्पतिवार को दिल्ली में पराली जलाने से उत्पन्न होने वाले प्रदूषकों के प्रसार का अनुमान नहीं है क्योंकि हवा की दिशा पूर्व की ओर है। प्रदूषण के मामले पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई से पहले, सीएक्यूएम ने मंगलवार रात निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में स्कूल, कॉलेज तथा शैक्षणिक संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे और केवल ऑनलाइन शिक्षा की अनुमति होगी। आयोग ने निर्देश दिए कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 ताप विद्युत संयंत्रों – एनटीपीसी, झज्जर, महात्मा गांधी टीपीएस, सीएलपी झज्जर, पानीपत टीपीएस, एचपीजीसीएल, नाभा पावर लिमिटेड टीपीएस, राजपुरा और तलवंडी साबो टीपीएस, मानसा में से केवल पांच संयंत्र ही 30 नवंबर तक चालू रहेंगे।
 तोड़-फोड़ संबंधी सभी गतिविधियों को रोकने का निर्देश दिया
आयोग ने दिल्ली और एनसीआर वाले राज्यों को 21 नवंबर तक क्षेत्र में ‘सीएंडडी’ अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और धूल नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन के साथ ‘‘रेलवे सेवाओं, रेलवे स्टेशन, मेट्रो रेल निगम सेवाओं, हवाई अड्डों और अंतर-राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटीएस) सहित और राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा रक्षा संबंधी गतिविधियों अथवा राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं’’ को छोड़कर निर्माण और तोड़-फोड़ संबंधी सभी गतिविधियों को रोकने का निर्देश दिया है।
वहीं, एनसीआर में आने वाले राज्यों की सरकारों को रविवार तक एनसीआर में कार्यालयों में अपने कर्मचारियों की कम से कम 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ घर से काम करने की अनुमति देने और निजी प्रतिष्ठानों को इस नियम का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली सरकार ने सोमवार से एक हफ्ते के लिए स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में कक्षाएं बंद करने का आदेश दिया था। आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालयों, एजेंसियों और स्वायत्त निकायों को घर से काम करने के लिए कहा गया है।

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