नर्सो की हड़ताल के मद्देनजर इमरजेंसी सेवाओं में कटौती कर सकता है एम्स - Punjab Kesari
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नर्सो की हड़ताल के मद्देनजर इमरजेंसी सेवाओं में कटौती कर सकता है एम्स

संविदा वेतन पर नर्सिग अधिकारियों को भर्ती करने के अस्पताल के फैसले के खिलाफ एम्स की लगभग 5,000

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर है। संविदा वेतन पर नर्सिग अधिकारियों को भर्ती करने के अस्पताल के फैसले के खिलाफ एम्स की लगभग 5,000 नर्सें सोमवार दोपहर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। अनिश्चितकालीन हड़ताल के मद्देनजर मेडिकल इंस्टीट्यूट अपनी आपातकालीन सेवाओं में कटौती कर सकता है। अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 
इस रिपोर्ट के समय इसके निदेशक रणदीप गुलेरिया सहित देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान के शीर्ष अधिकारियों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक चल रही थी। अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हुई हैं और चल रही हड़ताल के मद्देनजर गंभीर रोगियों की सुध नहीं ली जा रही है। 
मेडिकल सुपरिटेन्डेंट (एमएस) डीके शर्मा ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, प्रशासन ने सभी जूनियर, रेजिडेंट और वरिष्ठ डॉक्टरों को उन नर्सों के बजाय काम करने के लिए कहा है जो वर्तमान में वेतन की मांग सहित कई मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। 
इस बीच, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अस्पताल प्रशासन को 20 मई, 2002 को पारित दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए चल रही हड़ताल को तत्काल समाप्त करने का निर्देश दिया है, जहां अदालत द्वारा एक आचार संहिता लगाई गई थी, जो एम्स के किसी भी कर्मचारी या फैकल्टी सदस्य को ‘किसी भी कारण से’ सेवाओं को बाधित करने से मना करता है। 
सोमवार को जारी देर शाम के एक आदेश में, मंत्रालय ने यह भी धमकी दी थी कि इसके निर्देश का पालन न करने को अपराध माना जाएगा और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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