नई दिल्ली : नई दिल्ली स्थित एम्स के छात्र ने मंगलवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया है। दरअसल, मानसिक शोषण के कारण आत्महत्या का प्रयास करने वाले एम्स के पीएचडी के छात्र रजत ने यह कहकर सबको हैरान कर दिया है कि यहां के छात्रों को हो रही है जानलेवा बीमारियां, साथ ही उन्होंने एम्स पर कई सवाल भी खड़े किए हैं। बतौर रजत छात्रों को यहां के प्रयोगशाला में पर्याप्त सुरक्षा उपाय उपलब्ध नहीं होते हैं जिसकी वजह से वे जानलेवा बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। पिछले कुछ महीनों के भीतर ही एम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के पांच छात्रों को टीबी (क्षयरोग) हो चुकी है। जिसमें से एक छात्रा ने तो बीमारी की वजह से कोर्स को बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा। बताया जा रहा है कि जांच कमेटी ने अगर बुधवार तक निदेशक डॉ. गुलेरिया को अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी और निदेशक ने फैसला नहीं लिया तो एम्स में हड़ताल का ऐलान भी हो सकता है।
गौरतलब है कि एम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में पिछले पांच वर्ष से पीएचडी कर रहे रजत प्रकाश ने रविवार देर रात गौतम नगर स्थित अपने कमरे पर आत्महत्या का प्रयास किया था। समय रहते उन्हें एम्स के सी1 वार्ड में भर्ती कराया गया। फिलहाल रजत खतरे से बाहर है। लेकिन उसने संबंधित थाना और प्रबंधन को शिकायत दी है, जिसमें एक महिला डॉक्टर पर मानसिक शोषण करने के आरोप हैं। इसके बाद रेजीडेंट डॉक्टर रजत के सपोर्ट में खड़े हो गए। इस दौरान छात्रों ने निदेशक डॉ. गुलेरिया से मांग की है कि उक्त महिला डॉक्टर के अधीन कभी भी किसी भी छात्र को पीएचडी करने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए।
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