दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को सेंसर बोर्ड प्रमाणन को रद्द करने और हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘आदिपुरुष’ पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया। यह मामला 30 जून को सूचीबद्ध है। विष्णु गुप्ता के वकील हर्षित पांडे ने न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू और न्यायमूर्ति अमित महाजन की अवकाश पीठ के समक्ष आवेदन का उल्लेख किया।
बेंच ने पूछा फिल्म कब रिलीज हुई थी?
यह 16 जून को जारी किया गया था, कोर्ट ने कहा, आप पहले क्यों नहीं आए? अदालत ने पूछा यह फिल्म बवाल मचा रही है। वकील ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी परेशान कर रहा है। वकील ने तर्क दिया, यह फिल्म अन्य देशों के साथ संबंधों को खराब कर रही है।
न्यायमूर्ति गंजू ने कहा, कोई जल्दबाजी नहीं है, फिर से वापस आ जाओ।
याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दायर की है। उन्होंने भगवान राम, भगवान हनुमान और रावण के चरित्रों के अनुचित चित्रण का आरोप लगाया है। यह भी आरोप लगाया गया है कि फिल्म में अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है और पात्र वैसे नहीं हैं जैसे महर्षि वाल्मीकि और तुलसी दास द्वारा लिखित रामायण में वर्णित किए गए थे।
विष्णु गुप्ता ने फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
ओम राउत के निर्देशन में बनी ‘आदिपुरुष’, जो रामायण की एक नाटकीय रीटेलिंग है, निर्माताओं द्वारा फिल्म रिलीज किए जाने के बाद से ही लगातार सवालों के घेरे में रही है। ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश श्यामलाल गुप्ता ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की।