बीेते महीने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर खुब बवाल हुआ था। इस रिपोर्ट की काफी दिनों तक चर्चा हुई थी क्योंकी हिंडनबर्ग ने देश के बड़े कारोबारी अ़डानी की कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद अडानी की कंपनी को कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। रिपोर्ट में दावा किया गया था की अडानी की कंपनी ने शेयर को बचने के लिए हेराफेरी की थी ।
बीते महीने हिंडनबर्ग ने अडानी पर लगाए थे गंभीर आरोप
इस रिपोर्ट के आने के कुछ दिनो बाद ही अडानी को भारी नुकसान हुआ था। गौतम अ़़डानी ने खुद आकर सबके सामने कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कही गई बाते गलत है कंपनी के शेयर नहीं गिरे । इसके बाद कुछ दिन पहले भी अडानी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को गलत साबित किया था। इतना होने के बाद दोनों लड़ाई खत्म नहीं होने का नाम नहीं ले रही है।
एक बार फिर हिंडनबर्ग ने अडानी पर लगाए आरोप
क्योंकी हिंडनबर्ग ने एक बार फिर अडानी ग्रुप पर सवाल खड़े किए हैं। हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन की ऑडिटर पद पर काम करने वाली डेलॉइट के इस्तीफा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। बता दें डेलॉइट दुनिया की टॉप ऑडिटिंग कंपनियों में से एक है, जो 2017 से अडानी पोर्ट के साथ जुड़ी हुई थी।
अडानी की ऑडिटर कंपनी के इस्तीफे को लेकर किए सवाल
अडानी पोर्ट के ऑडिटर पद से डेलॉइट के इस्तीफा देने के तुरंत बाद ही कंपनी ने नया ऑडिटर ‘एमएसकेए एंड एसोसिएट्स चार्टर्ड अकाउंटेंट्स’ को अपना नया ऑडिटर नियुक्त कर लिया है। डेलॉइट को अडानी पोर्ट के ऑडिटिंग के लिए 2017 में कार्यभार सौंपा गया था और जुलाई 2022 के दौरान इसका कार्यकाल पांच साल आगे के लिए बढ़ा दिया गया था। हिंडनबर्ग ने कहा कि फिर अचानक से इसका इस्तीफा कई सवाल खड़ा करता है।
हिंडनबर्ग ने डेलॉइट के इस्तीफे को लेकर पत्र जारी किया
डेलॉइट के इस्तीफे के बाद अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने कई सवाल खड़े किए हैं। हिंडनबर्ग की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि अडानी पोर्ट ने ऑडिटिंग के लिए डेलॉइट को पर्याप्त जानकारी देने में असफल रही है। इसके अलावा उन तीन ट्रांजेक्शन को लेकर भी जानकारी नहीं दी गई जिसे हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जिक्र किया गया था। इसपर भी डेलॉइट ने चिंता व्यक्त किया था।
बातचीत में सहमति नहीं बनने पर इस्तीफा दिया
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि ऐसे में जब अडानी पोर्ट से बातचीत में सहमति नहीं बन पाई तो डेलॉइट ने इस्तीफे का मन बना लिया। वहीं इस मामले को लेकर ऑडिट समिति के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण पिल्लई ने कहा कि डेलॉइट को अडानी की कंपनी की ओर से पूरी जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि डेलॉइट ने इस्तीफे में कहा है कि वित्त वर्ष 2023 में सभी जानकारी दी गई है।
बीते महीने हिंडनबर्ग ने अडानी पर लगाए थे गंभीर आरोप
इस रिपोर्ट के आने के कुछ दिनो बाद ही अडानी को भारी नुकसान हुआ था। गौतम अ़़डानी ने खुद आकर सबके सामने कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कही गई बाते गलत है कंपनी के शेयर नहीं गिरे । इसके बाद कुछ दिन पहले भी अडानी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को गलत साबित किया था। इतना होने के बाद दोनों लड़ाई खत्म नहीं होने का नाम नहीं ले रही है।
एक बार फिर हिंडनबर्ग ने अडानी पर लगाए आरोप
क्योंकी हिंडनबर्ग ने एक बार फिर अडानी ग्रुप पर सवाल खड़े किए हैं। हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन की ऑडिटर पद पर काम करने वाली डेलॉइट के इस्तीफा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। बता दें डेलॉइट दुनिया की टॉप ऑडिटिंग कंपनियों में से एक है, जो 2017 से अडानी पोर्ट के साथ जुड़ी हुई थी।
अडानी की ऑडिटर कंपनी के इस्तीफे को लेकर किए सवाल
अडानी पोर्ट के ऑडिटर पद से डेलॉइट के इस्तीफा देने के तुरंत बाद ही कंपनी ने नया ऑडिटर ‘एमएसकेए एंड एसोसिएट्स चार्टर्ड अकाउंटेंट्स’ को अपना नया ऑडिटर नियुक्त कर लिया है। डेलॉइट को अडानी पोर्ट के ऑडिटिंग के लिए 2017 में कार्यभार सौंपा गया था और जुलाई 2022 के दौरान इसका कार्यकाल पांच साल आगे के लिए बढ़ा दिया गया था। हिंडनबर्ग ने कहा कि फिर अचानक से इसका इस्तीफा कई सवाल खड़ा करता है।
हिंडनबर्ग ने डेलॉइट के इस्तीफे को लेकर पत्र जारी किया
डेलॉइट के इस्तीफे के बाद अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने कई सवाल खड़े किए हैं। हिंडनबर्ग की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि अडानी पोर्ट ने ऑडिटिंग के लिए डेलॉइट को पर्याप्त जानकारी देने में असफल रही है। इसके अलावा उन तीन ट्रांजेक्शन को लेकर भी जानकारी नहीं दी गई जिसे हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जिक्र किया गया था। इसपर भी डेलॉइट ने चिंता व्यक्त किया था।
बातचीत में सहमति नहीं बनने पर इस्तीफा दिया
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि ऐसे में जब अडानी पोर्ट से बातचीत में सहमति नहीं बन पाई तो डेलॉइट ने इस्तीफे का मन बना लिया। वहीं इस मामले को लेकर ऑडिट समिति के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण पिल्लई ने कहा कि डेलॉइट को अडानी की कंपनी की ओर से पूरी जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि डेलॉइट ने इस्तीफे में कहा है कि वित्त वर्ष 2023 में सभी जानकारी दी गई है।