शराब नीति को लेकर सियासी घमासान के बीच आप सरकार सोमवार को दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी। सदन में आम आदमी पार्टी के प्रचंड बहुमत से विश्वास प्रस्ताव आसानी से पारित होने की संभावना है। राजधानी में आप और बीजेपी के बीच सियासी जंग छिड़ी हुई है। इस बीच आम आदमी पार्टी की जन कार्य समिति की बैठक हुई तो बुधवार को पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई गई।
इसके बाद मुख्यमंत्री सभी विधायकों के साथ राजघाट पहुंचे और एकजुटता का संदेश दिया। सरकार गिराने की कोशिश के आरोप में शुक्रवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि बीजेपी दिल्ली सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। उनके विधायकों को 20-20 करोड़ ‘ऑफर्स’ दिए जा रहे हैं।
पक्ष और विपक्ष में हो सकती है तीखी बहस
सोमवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष की ओर से हंगामे की आशंका जताई जा रही है। शुक्रवार को भी विधानसभा सत्र में हंगामा हुआ था। मोबाइल पर सदन की कार्यवाही रिकॉर्ड करने पर भाजपा विधायकों को मार्शलों के माध्यम से बेदखल किया गया। सोमवार को भी पक्ष-विपक्ष में तीखी नोकझोंक होने की संभावना है।
आप के 62 विधायक
70 सदस्यीय विधानसभा में आप के पास 62 हैं, जबकि भाजपा के पास केवल आठ हैं। इससे विश्वास प्रस्ताव के आसानी से पारित होने की पूरी संभावना है।
आप जनता के सवालों का जवाब दें
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में रविवार को दिल्ली के सभी बूथों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम ‘मन की बात’ का आयोजन किया गया। इस दौरान आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप आबकारी नीति पर जनता के सवालों का जवाब दें।