नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली नगर निगम की सोमवार को हुई सदन की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। हंगामे का असर इस कदर रहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर अवतार सिंह ने आम आदमी पार्टी (आप) के सभी पार्षदों को 15 दिन के लिए सदन की बैठक से निष्कासित कर दिया। इस कार्रवाई को जहां आप पार्षद निगम के इतिहास का काला दिन करार दे रहे हैं तो वहीं भाजपा पार्षदों ने आप खिलाफ निंदा प्रस्ताव जारी कर किया है।
बता दें कि, सोमवार को हुई सदन की बैठक में डेंगू मलेरिया के मुद्दे पर चर्चा होनी थी। लेकिन हंगामे की वजह से नहीं हो पाई। महापौर अवतार सिंह का दावा है कि एक सप्ताह के अंदर एक विशेष सदन की बैठक बुलाकर इस अहम मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। बता दें कि सदन की बैठक शुरू होते ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेता विपक्ष सुरजीत पंवार ने महापौर के समक्ष एक कागज देकर उस पर चर्चा की मांग की।
लेकिन महापौर ने उस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देने से इनकार कर दिया। यह बात नेता विपक्ष को इतनी नागवार गुजरी की सभी एक जुट होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन को हंगामे के रूप में बदलते देख महापौर ने चेतावनी दी। बावजूद इसके आप पार्षदों ने प्रदर्शन जारी रखा। कुछ ही देर में महापौर के आसन के समक्ष आकर पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद महापौर ने आप पार्षदों को मार्शल द्वारा बाहर निकालने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद आप पार्षदों को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
महापौर अवतार सिंह का कहना है कि आप के पार्षद डेंगू पर चर्चा नहीं चाहते थे। वह अपने मनमर्जी से सदन चलाना चाहते थे। जबकि सदन में किस विषय पर चर्चा होगी इसका अधिकार महापौर के पास हैं। उन्होंने बताया कि तीन चार दिन में डेंगू पर चर्चा के लिए विशेष बैठक बुलाई जाएगी।