हल्द्वानी : कैलाश मानसरोवर यात्रा के 17 व 18वें दल के 48 यात्री तीन दिन से गुंजी पड़ाव में फंसे हुए हैं। मौसम में खराबी के चलते सेना के हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। मौसम ठीक होने पर इन यात्रियों को हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ लाया जाएगा। वहीं यात्रा सकुशल संपन्न होने के चलते कुमाऊं मंडल विकास निगम उत्साहित दिखाई दे रहा है। कैलाश मानसरोवर यात्रा का अंतिम 18वें दल के 27 व 17 वें दल के 21 यात्री कैलास मानसरोवर की यात्रा कर भारतीय पड़ाव गुंजी पहुंच गये हैं। 18वें दल को नाभिढांग में स्टे करना था लेकिन यात्रियों को पिथौरागढ़ एयरलिफ्ट करने के लिए भी उन्हें गुंजी आना पड़ा लेकिन पिछले तीन दिन से मौसम खराब रहने के कारण सेना के हेलीकाप्टरों ने उड़ान नहीं भरी। रविवार को दोपहर तक उड़ान नहीं हो सकी। निगम सूत्रों के अनुसार रविवार को छियालेख सहित उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बरसात व कोहरा छाये रहने से सेना के एमआई-17 हेलीकाप्टर उड़ान नहीं भर सके।
मौसम ठीक होने पर सभी यात्रियों को पिथौरागढ़ लाया जायेगा। यात्रियों की दिल्ली वापसी होने के साथ ही इस बार की यात्रा का भी समापन हो जायेगा। इसके बाद पड़ावों में तैनात निगम कर्मियों की भी वापसी होगी। मालूम हो कि इस बार मार्ग व मौसम की बाधा के बावजूद इस बार भी बीते वर्षों की तरह इस बार भी यात्रा में 18दलों ने कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर ली है। इन दो दलों के दिल्ली पहुंचने के साथ ही यात्रा का समापन हो जायेगा। अंतिम दल गुंजी पहुंच गया है। इस बार यात्रा में कुल 906 यात्री शामिल हुए हैं। बीते वर्ष 917 लोगों ने यात्रा की थी। निगम के सूत्रों के मुताबिक इस बार नजंग में भू-स्खलन होने के कारण यह यात्रा पैदल होने के बजाय हेलीकाप्टरों से की गई।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला दल रवाना
मौसम खराब रहने के कारण यात्रा में बाधा भी पहुंची। इसके साथ ही यात्रा के अंतिम दलों में यात्रियों की संख्या भी कम हुई। अन्य वर्षों में आठ सितम्बर तक यात्रा समाप्त हो जाती थी लेकिन इस बार यह यात्रा सितम्बर अंतिम सप्ताह तक चली। यात्रा के संचालक निगम के महाप्रबंधक त्रिलोक सिंह मर्तोलिया के अनुसार यात्रा मार्ग के गुंजी पड़ाव भोजन व ठहरने के पर्याप्त व्यवस्था है। कुल 18 दलों ने यात्रा करनी थी। 18वां दल भी यात्रा कर वापस भारत आ चुका है। मौसम खराब होने के कारण सेना के हेलीकाप्टरों ने उड़ान नहीं भरी है। मौसम ठीक होते ही यात्रियों को पिथौरागढ़ लाया जायेगा।
– संजय तलवाड़