दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को बताया कि ‘मेगा स्वच्छता अभियान’ के तहत एमसीडी ने 3,500 किलोमीटर से अधिक सड़कों की सफाई की, जिसमें सबसे अधिक सफाई रोहिणी क्षेत्र में की गई। एमसीडी द्वारा जारी प्रगति रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान अतिक्रमण और गंदगी के खिलाफ मुहिम चलाई गई। अभियान के दौरान कुल 11,131 चालान जारी किए गए, जिसमें सबसे अधिक 2,994 चालान पश्चिमी जोन में किए गए। इसके अतिरिक्त, 5,932 अवैध सामग्री जब्त की गई और 186.5 किलोमीटर सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त किया गया।
दिल्ली में ‘मेगा स्वच्छता अभियान’
20 दिवसीय यह ‘मेगा स्वच्छता अभियान’ एमसीडी के सभी 12 जोन में चलाया गया, जिसमें सफाई, अतिक्रमण हटाने और चालान काटने जैसे प्रमुख कार्य शामिल थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार की ‘स्वच्छ दिल्ली’ पहल को राजधानी के नागरिकों से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। एमसीडी द्वारा जारी नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि यह व्यापक स्वच्छता अभियान जमीनी स्तर पर उल्लेखनीय परिणाम दे रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ, स्वस्थ और सुंदर दिल्ली ही विकसित दिल्ली का मार्ग है। एमसीडी द्वारा जारी जोनवार रिपोर्ट स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि हमारी सरकार द्वारा शुरू किया गया अभियान न केवल सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है, बल्कि लोगों की जीवनशैली में भी सकारात्मक बदलाव लाया है।
12 जोन में व्यापक सफाई
उन्होंने आगे बताया कि इस अभियान के तहत दिल्ली के 12 जोन (करोल बाग, सिटी एसपी, वेस्ट जोन, साउथ, सिविल लाइंस, सेंट्रल जोन, शाहदरा साउथ, शाहदरा नॉर्थ, नजफगढ़, नरेला, रोहिणी और केशव पुरम) में व्यापक सफाई और प्रबंधन गतिविधियां संचालित की गईं। इसके साथ ही, ‘मेगा स्वच्छता अभियान’ के तहत पूरे दिल्ली में एमसीडी के नालों की बड़े पैमाने पर सफाई की गई, जिससे मानसून के मौसम में जलभराव की समस्या से निपटने में काफी मदद मिलेगी। अब तक कुल 19,892.38 मीट्रिक टन गाद निकाली जा चुकी है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
जलभराव से निपटने के लिए अहम कदम
सीएम ने यह भी बताया कि 21 मई तक सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने दिल्ली के 27 नालों से 13,72,276 मीट्रिक टन गाद निकाली है और शेष गाद को 31 मई, 2025 तक हटाने का काम पूरा करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निकाली गई गाद का पर्यावरण के अनुकूल तरीके से निपटान किया जाना चाहिए, ताकि पर्यावरण संरक्षण और शहर की स्वच्छता दोनों सुनिश्चित हो सकें। इस सफाई प्रक्रिया से न केवल नालों की जल निकासी क्षमता बहाल होगी, बल्कि मानसून के दौरान जलभराव को कम करने में भी मदद मिलेगी। शहर को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने 4,139 डार्क स्पॉट की पहचान कर उन्हें ठीक किया है।
स्ट्रीय लाइटों की मरम्मत
कुल 4,140 स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत की गई और 285 नई स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं, ताकि उन इलाकों में उचित रोशनी सुनिश्चित की जा सके, जहां पहले कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह पहल नागरिकों, खासकर महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का लक्ष्य दिल्ली के हर कोने को सुरक्षित, रोशन और सार्वजनिक सुविधाओं से लैस बनाना है।