देहरादून : प्रदेश के चार जिलों के 236 निजी स्कूलों ने एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त अन्य प्रकाशकों की महंगी किताबें छात्र-छात्राओं पर थोपी हैं। साथ ही इन स्कूलों पर अनापत्ति प्रमाणपत्र लेते समय लागू अनुबंधों और शर्तो का पालन नहीं करने का दोषी भी पाया गया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के निर्देश पर की गई विभागीय जांच में ये तथ्य सामने आए हैं। इन स्कूलों को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेशें के अनुपालन के क्रम में सीबीएसई पाठ्यक्रम के गैर शासकीय विद्यालयों में एनसीईआरटी पुस्तकों के अतिरिक्त कतिपय विद्यालयों द्वारा पाठ्यक्रम में लाई गई अन्य पुस्तकों का एनसीईआरटी की दरों से अधिक मूल्य रखे जाने के संबंध में नामित किये गये नोडल अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही की भी समीक्षा की।
स्कूलों में ही उपलब्ध कराई जा रही एनसीईआरटी किताबें
शिक्षा विभाग ने हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर के निजी स्कूलों की विभागीय जांच कराई थी। बैठक में सचिव शिक्षा डाॅ. भूपेन्द्र कौर औलख, महानिदेशक शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर.के. कुँवर, निदेशक अकादमिक सीमा जौनसारी, अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा डाॅ. मुकल कुमार सती, अपर निदेशक एससीईआरटी अजय नोडियाल, व शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।